सावन महीने में आने वाली शिवरात्री हिंदू धर्म का बहुत बड़ा पर्व है. 19 जुलाई को सावन महीने की शिवरात्रि मनाई जाएगी. वैसे तो हर महीने में शिवरात्रि आती है लेकिन सावन और फाल्गुन के महीने में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन शिवजी का प्राकट्य हुआ था. सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है. आम दिनों के मुकाबले सावन महीने की शिवरात्रि पर जल चढ़ाने से भगवान शिव ज्यादा प्रसन्न होते हैं.
जलाभिषेक के लिए शुभ मुहूर्त
शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए शुभ समय 19 जुलाई की सुबह 5 बजकर 40 मिनट से 7 बजकर 52 मिनट तक का समय शुभफलदायी रहेगा. प्रदोष काल में जलाभिषेक करना काफी शुभ रहता है.
ऐसे में 19 जुलाई की शाम के समय 7 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 30 मिनट तक प्रदोष काल में जलाभिषेक किया जा सकता है.
प्रातः काल स्नान करके शिव पूजा का संकल्प लें
प्रातः काल स्नान करके शिव पूजा का संकल्प लें. सूर्य को अर्घ्य दें तथा शिव जी को जल अर्पित करें. इसके बाद पंचोपचार पूजन करके शिव जी के मंत्रों का जाप करें. रात्रि में शिव मंत्रों के अलावा रुद्राष्टक अथवा शिव स्तुति का पाठ भी कर सकते हैं.
शिवलिंग पर दूध, दही, घी और शहद चढ़ाकर पूजा करें. फिर जलाभिषेक करें. आपके पास जो भी सामग्री हो उसी को लेकर श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शिव की पूजा करें.
ॐ नमः शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः शिवाय ! का जप करते रहें, साथ ही ॐ नमो भगवते रुद्राय, का जप भी कर सकते हैं. ऐसा जपते हुए बेलपत्र पर चन्दन या अष्टगंध से राम-राम लिख कर शिव पर चढ़ाएं.
धन की इच्छा रखने वाले ऐसे करें पूजा
धन की इच्छा रखने वाले दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से भगवान शिव का अभिषेक करें. इसके बाद जल धारा अर्पित करें.ॐ दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय का जप करें. फिर धन प्राप्ति के लिए प्रार्थन करें.
संतान की इच्छा रखने वाले इस विधि से करें पूजा ृ
संतान की इच्छा रखने वाले शिव लिंग पर घी अर्पित करें. फिर जलाभिषेक करें. ॐ शं शंकराय नमः का जप करें. फिर संतान के लिए भगवान भोले से प्रार्थन करें.
विवाह की इच्छा रखने वाले ऐसे करें शिव की पूजा
विवाह की इच्छा रखने वाले जलाभिषेक करें. शिव लिंग पर 108 बेल पत्र अर्पित करें. फिर विवाद के लिए प्रार्थना करें.
रोजगार की इच्छा रखने वाले 11 दीये जलाएं
रोजगार के लिए और मनचाही नौकरी के लिए शिवरात्रि के दिन जलधारा से भगवान शिव का अभिषेक करें. फिर 11 घी के दीये जलाएं. ॐ विश्वनाथाय नमः का जप करें.
स्वास्थ्य और आरोग्य के लिए कुछ ऐसे करें पूजा
स्वास्थ्य और आरोग्य के लिए इत्र से भगवान शिव का अभिषेक करें , इसके बाद जल अर्पित करें. मंदिर में ही "ॐ जूं सः माम पालय पालय " का 11 माला जाप करें.
पुनर्जन्मों से मुक्ति चाहने वाले इस तरह भोले की करें पूजा
संपूर्ण कष्टों और पुनर्जन्मों से मुक्ति चाहने वाले मनुष्य गंगा जल और पंचामृत चढाते हुए ॐ नमो भगवते रुद्राय ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नों रुद्रः प्रचोदयात. इस मंत्र को पढ़ते हुए सभी सामग्री जो भी यथा संभव हो उसे लेकर समर्पण भाव से शिव अर्पित करें.
Source : News Nation Bureau