सावन 2021 (Sawan Mass 2021): सावन का शुभ महीना न सिर्फ शिव भक्तों के लिए बल्कि पूरी सृष्टि के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. सावन महीने (Sawan 2021) को लेकर लोगों में एक अलग ही उत्साह और भक्तिभाव देखने को मिलता है. मंदिरों के साथ साथ घरों में भी वातावरण श्रद्धा से लिप्त हो जाता है. मंदिरों और घरों में भव्य रूद्राभिषेक किया जाता है और भगवान शिव की विशेष रूप से सम्पूर्ण विधि विधान के साथ पूजा कर हर सोमवार को लोग व्रत भी रखते हैं. इस बार सावन 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त 2021 को समाप्त होगा. मान्यता है कि, सावन के महीने में जिसने देवादि देव महादेव को प्रसन्न कर दिया उसकी हर इच्छा पूर्ण हो जाती है, लेकिन यह बात भी है कि, भगवान् शिव शंभू की रोजाना की जाने वाली पूजा से सावन की पूजा अधिक महत्वपूर्ण और भिन्न होती है. कुछ ख़ास चीज़ें होती हैं जिनके लिए कहा जाता है कि अगर ये चीज़ें भगवान शिव को अर्पित न की जाएं तो श्रावण पूजा अधूरी है. तो चलिए जानते हैं उन चीज़ों के बारे में जिन्हें सावन पूजा के दौरान भगवान् शिव को अर्पित करने से हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जो भगवान शिव को अति प्रिय हैं. साथ ही जानेंगे इन सभी चीज़ों से जुड़ा इनका धार्मिक महत्व.
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दूध
सावन के महीने में भगवान् शिव का दूध और गंगाजल से अभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब विषपान करने से भगवान शिव का कंठ जलने लगा था तब देवताओं ने उनसे दूध पीने का आग्रह किया था. दूध पीने के बाद गले की जलन कम हो गई थी. इसलिए शिव भोले भंडारी को दूध प्रिय है.
बेलपत्र
शास्त्रोक्त है कि, भोलनाथ की पूजा बेलपत्र के बिना अधूरी मानी जाती है. इसलिए उन्हें बेलपत्र का अर्पण करने के लिए कहा जाता है. इसके अलावा, शिव जी को भांग, धतूरा, केसर, चंदन, शक्कर और गन्ने का रस अर्पित करके भी प्रसन्न किया जा सकता है.
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कनेर के फूल
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कनेर का फूल चढ़ाना चाहिए. मान्यता है कि, कनेर का फूल और आक के फूल चढ़ाने से व्यक्ति की सभी मनवांछित इच्छाएँ पूर्ण होती हैं. ये दोनों चीजें भगवान शिव को प्रिय भी हैं.
किन चीज़ों को चढ़ाने से बचें
भगवान शिव की पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनकी पूजा में तुलसी के पत्ते, केवेड और केतकी के फूल का इस्तेमाल न किया जाए क्योंकि ग्रंथों, शास्त्रों और शिव पुराण के अनुसार इन सभी को वर्जित माना गया है. इसके अलावा भगवान शिव की पूजा में शंखनाद भी निषेध है. साथ ही, उन्हें कभी भी रोली या कुमकुम का तिलक नहीं लगाना चाहिए, नारियल या नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- 25 जुलाई से शुरु होगा सावन का महीना
- भगवान शिव को बेल पत्र है अति प्रिय
- शिव पूजा में तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल है वर्जित