मकर संक्रांति के साथ माघ मेले का आगाज, श्रद्धालु लगा रहे पुण्य की डुबकी

आस्था का मेला 'माघ मेला' कोरोना महामारी के बीच गुरुवार से संगम की रेती पर शुरू हो गया. संक्रमण और ठंड व कोहरे पर आस्था भारी पड़ रही है.

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Nihar Saxena
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Magh Mela

शीतलहर और कोहरे के बीच मकर संक्रांति के साथ माघ मेला शुरू.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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मकर संक्रांति से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक चलने वाला आस्था का मेला माघ मेला (Magh Mela) कोरोना महामारी के बीच गुरुवार से संगम की रेती पर शुरू हो गया. संक्रमण और ठंड व कोहरे पर आस्था भारी पड़ रही है. इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पुण्य डुबकी लगाती नजर आ रही है. माघ मेला के पहले स्नान पर्व यानी मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर संगम सहित गंगा तथा यमुना के सभी स्नान घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला शुरू हो गया. सुबह के समय संगम व आसपास के घाटों पर श्रद्धालु कम नजर आए, लेकिन सुबह सात बजे के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. संगम के अलावा गंगा के अक्षयवट, काली घाट, दारागंज, फाफामऊ घाट पर भी स्नान चल रहा है.

छह प्रमुख स्नान का पर्व
माघ मेले के दौरान छह प्रमुख स्नान होंगे. इसकी शुरूआत मकर संक्रांति से होती है. श्रद्धालु कोरोना संक्रमण से बेफिक्र नजर आ रहे हैं. आधी-अधूरी तैयारी के बीच पहले स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक है. मेला क्षेत्र में साधु संतों के पंडाल में भजन पूजन का दौर भी शुरू हो गया है. वैसे माघ मेला 27 जनवरी के आसपास रंग में आएगा. 28 जनवरी को पौष पूर्णिमा है और इस दिन से एक महीने का कल्पवास शुरू हो जाता है. 14 जनवरी के बाद मलमास के कारण रूके हुए मांगलिक कार्य शुरू होते हैं. इस बार गुरु शुक्र अस्त के चलते विवाह आदि मांगलिक कार्य अप्रैल से होंगे. सूर्य सुबह 8.30 बजे उत्तरायण हुआ और मकर राशि में प्रवेश कर गया.

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सिर्फ साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालु तो प्रयागराज ही आएंगे
प्रशासन का अनुमान है कि इस बार साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे. मेला क्षेत्र में कोरोना की गाइडलाइन को पूरा कराने के लिए सभी तैयारियां की हुई हैं. सभी तीर्थ पुरोहितों से आने वाले कल्पवासियों का ब्योरा लेकर इसे वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. माघ मेला में कोविड-19 गाइडलाइन के चलते इनकी संख्या पिछले स्नान पर्व से कम है पर, आस्था में कहीं कोई कमी नहीं दिखी. उधर, इसी तरह कानपुर, वाराणसी, फरुर्खाबाद और गढ़मुक्तेश्वर में भी श्रद्धालु सुबह से ही पुण्य की डुबकी लगाने स्नान घाटों पर पहुंचने लगे.

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कोविड गाइडलाइन के बीच पर्व शुरू
हर-हर गंगे, जय मां गंगे के जय घोष के साथ मकर संक्रांति पर्व का पुण्य प्राप्त करने को गंगा में डुबकी लगा रहे हैं. इस दौरान कई स्नान घाटों पर स्नान के मद्देनजर कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन होता नजर नहीं आ रहा है. मेले में हर साल की तरह इस बार 5 पांटून ब्रिज, 70 किमी चेकर्ड प्लेटें बिछाई गई है. कोरोना को देखते हुए 16 पॉइंट्स बनाये गए है. हर जगह पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात है. मेले में बिजली, पानी और स्वच्छता के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. मेलाधिकारी विवेक चतुवेर्दी के अनुसार, मेले में हर तरह से तैयारी पूरी है. सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम हैं.कोविड संक्रमण को देखते हुए तैयारी और बेहतर की गई है. सभी को गाइडलाइन जारी की गई है.

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