आज योगिनी एकादशी है. यह एकादशी निर्जला एकादशी के बाद और देवशयनी एकादशी से पहले आती है. बाकी सभी एकादशी की तरह योगिनी एकादशी का भी खास महत्व होता है. योगिनी एकादशी के दिन व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और घर में सुख समृद्धि आती है.
मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और अरोग्य प्राप्त होता है. योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. मान्यता है कि जो भी इस सच्चे दिन से भगवान विष्णु का ध्यान करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. योगिनी एकादशी हर साल आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ती है. इस दिन भगवाान विष्णु को पीले पुष्प चढ़ाना भी बेहद शुभ माना जाता है.
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शुभ मुहूर्त
योगिनी एकादशी शुरू- 16 जून सुबह 5 बजकर 40 मिनट
योगिनी एकादशी समाप्त - 17 जून, 4 बजकर 50 मिनट
परायण: 18 जून, 05.28 AM से 08.14 AM तक
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पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें
फिर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर पीले फूल, पीले वस्त्र, नारियल और तुलसी का पत्ता अर्पित करें. इस दिन पीपल के पेड़ की भी पूजा की जाती है. इसके बाद योगिनी एकादशी की व्रत कथा सुन परायण करें.