देश में सेना के आधुनिकीकरण के लिए सेना ने साल 2023 के लिए अग्निवीरों की भर्ती शुरू कर दी है. भारतीय सेना में 4 साल बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी करने का निर्णय किया है लेकिन कैसे होगा, क्या आधार होगा इसके लिए अभी तक अग्निवीरों को पता नहीं था लेकिन अब सेना में स्थायी होने के लिए पैमाना तय कर दिया है जिसके मुताबिक इन अग्निवीरों को लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट और हथियार चलाने जैसे पैमाने को पास करना होगा जिसके बाद अग्निवीरों को 4 साल के बाद स्थायी किया जायेगा. एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक सभी सैनिकों को इस प्रक्रिया से गुजरना होगा.
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सेना ने अग्निवीर सेवा स्कीम साल 2022 में इसकी शुरूआत की थी. जिसके पहले बैच में 19000 युवाओं की भर्ती कर चुकी है जिनका प्रशिक्षण जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू हो चुका है वही दूसरे बैच के प्रशिक्षण का काम 1 मार्च से शुरू होगा. वही इसमें 21 हजार युवाओं को शामिल किया जायेगा. सेना के द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक हर साल नवंबर और मार्च में नये अग्निवीरो को प्रशिक्षण दिया जायेगा. यह भर्तियां सेना के तीनों विंग थल सेना, जल सेना और वायु सेना में भर्ती की जायेगी जिसमें 25 प्रतिशत को 4 साल के बाद तय पैमाने पर पास होने के बाद स्थायी कर दिया जायेगा.
अग्निपथ स्कीम के तहत हर साल 12वीं पास युवा जिसकी उम्र 17 साल से 21 साल है उनको सेना में सेवा के लिए मौका दिया जायेगा. यह स्कीम सेना के तीनों विंग की ओर से किया जायेगा. अग्निपथ स्कीम के तहत चयनित युवाओं को 30 हजार प्रति महीने वेतन दिया जायेगा वही सेवा के अंतिम साल यानि चौथे साल 40 हजार रूपये वेतन दिया जायेगा. कोरोना को ध्यान में रखते हुए साल 2022 के लिए अधिकतम उम्र 23 साल रखा गया है. सेना के द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक 4 साल के बाद पीएफ के रूप में करीब 11.5 लाख रूपये दिया जायेगा. सेवा के दौरान अगर किसी अग्निवीर की मौत हो जाती है तो मृतक के परिवार वालों को 44 लाख रकम दी जायेगी.