देश में रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए रेल मंत्रालय और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्रालय के बीच एक समझौता हुआ है. रेल मंत्रालय ने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय को एक मंच पर ला दिया है. इससे युवाओं को कौशल प्रदान करने में आसानी होगी. दूर वाले क्षेत्रों में इसके अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है. एमओयू के अनुसार, रेल मंत्रालय की भूमिका कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना होगा. उसका काम कौशल प्रशिक्षण केंद्र शुरू करने के लिए मदद करना होगा. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय को रेलवे बुनियादी ढांचे की अतिरिक्त क्षमता उपलब्ध कराने की होगी.
मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे कौशल विकास में योगदान देगा, जिसमें कुछ निश्चित स्टेशनों, प्रशिक्षण केंद्रों, स्कूलों, संस्थानों में साझा करने योग्य बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना शामिल है, जो कि परिचालन रूप से आवश्यक नहीं हैं और जिन्हें कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और इसके प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराया जा सकता है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय मुख्य रूप से प्रशिक्षण महानिदेशालय और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के जरिए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा, जिसे भारत सरकार द्वारा बड़ी संख्या में गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक संस्थानों के निर्माण को बढ़ावा देने और कौशल विकास के लिए वित्त पोषण प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है.
रेल मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा पहचान किए जाने के बाद, सहमति के अनुसार अवधि और समय अवधि के लिए उक्त बुनियादी ढांचे को उपलब्ध कराने के लिए नो कॉस्ट बेसिस पर पट्टे पर लेने का निर्णय करेगा.
HIGHLIGHTS
- रेल मंत्रालय ने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय को एक मंच पर ला दिया है
- इससे युवाओं को कौशल प्रदान करने में आसानी होगी