यूपीआई को दुनिया भर में सफलता हासिल हो रही है. मगर अभी भी भाषा, स्थान और लिंग से जुड़ी समस्याएं सामने आ रही हैं. गूगल पे के उत्पाद प्रबंधन निदेशक शरत बुलुसु के अनुसार यूपीआई को लेकर अब इस बैरियर को तोड़ने की आवश्यकता है ताकि जिनकी डिजिटल पेमेंट तक पहुंच नहीं है,वे यहां तक पहुंच सकें. उन्होंने आगे कहा, यूपीआई वैश्विक स्तर पर सफल रहा है. हालांकि अभी इसकी और अधिक वृद्धि होनी बाकी है. अभी ऐसे कई उपयोगकर्ता हैं, जिनकी डिजिटल पेमेंट और डिजिटल फाइनेंस तक पहुंच नहीं है.
बाधाओं को तोड़ने को लेकर काफी कुछ करने की जरूरत
उन्होंने कहा, हमें बाधाओं को तोड़ने को लेकर काफी कुछ करने की जरूरत है. चाहे वह भाषा, पृष्ठभूमि, स्थान या लिंग से जुड़ी बात हो. हमें एक बेहतर डिजाइन के साथ इन बाधाओं को दूर करने को लेकर सोचना होगा. इस तरह से लोग में यूपीआई से जुड़ने का आत्मविश्वास बढ़ेगा.
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उन्होंने कहा डिजिटल टेक्नोलॉजी और डिजिटल प्लेटफॉर्म को लेकर सभी को समान एक्सेस और सर्विस क्वालिटी मिलनी बेहद जरूरी है. यह मायने नहीं रखता है कि आप ग्रामीण भारत से हो या किसी शहरी इलाके से. बुलुसु ने यूपीआई की सफलता का श्रेय निजी कंपनियों के संयुक्त प्रयासों, एनपीसीआई, आरबीआई और सरकारी समर्थन को दिया है.
उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करना चाहिए
बुलुसु का कहना है कि आनलाइन सुरक्षित रहने के तरीको के बारे में जानकारी देने के महत्व और जिम्मेदारी पर भी जोर देने को कहा. उन्होंने कहा कि हमें हर कदम पर उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करना चाहिए. डिजिटल दुनिया का तेजी से विकास हो रहा है. उपयोगकर्ताओं से यह अपेक्षा करना अनुचित है कि वे इसे स्वयं समझ लेंगे. यह सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम उपयोगकर्ताओं को शिक्षित और सशक्त बनाए रखें.