Chandrayaan 3: देश ही नहीं पूरी दुनिया ने चंद्रयान 3 की ऐतिहासिक उड़ान और सफलता को देखा था. भारत दुनिया का एक लौता देश बन गया था जिसने चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग की थी. इस लैंडिंग के साथ ही चंद्रयान ने अंतरिक्षण खास तौर पर चांद के रहस्यों से पर्दा हटाने में बड़ी मदद की है. एक बार फिर चंद्रयान-3 ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसे जानकर आप भी उछल पड़ेंगे. जी हां चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने कमाल कर दिया है. एक ऐसी खोज कर दी है जो मानव जाति के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकती है.
चंद्रयान-3 ने की नई खोज
चंद्रयान-3 एक के बाद एक चांद के रहस्यों को बेपर्दा कर रहा है और उसकी खोज न सिर्फ वैज्ञानिकों बल्कि देश के लिए भी काफी अहम साबित हो रही है. एक बार फिर चंद्रयान-3 ने एक नई खोज की है. चंद्रयान के रोवर प्रज्ञान ने अपने लैंडिंग स्टेशन के पास ही चांद पर 160 किलोमीटर चौड़ा खड्डा खोज निकाला है.
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क्यों खास है चंद्रयान 3 की नई खोज
रोवर प्रज्ञान से धरती पर लगातार चांद की तस्वीरें भेजी जा रही हैं. इसी कड़ी में अब प्रज्ञान ने कुछ ऐसी तस्वीरें भेजी हैं जिसे देखकर वैज्ञानिक खुश हो गए हैं. दरअसल मिशन पर प्रज्ञान रोवर की ओर से जो तस्वीरें भेजी गई हैं उसकी जानकारी अहमदाबाद स्थिति भौतिक अनुसंधान प्रोयगशाला के साइंटिस्टों ने पब्लिश किया है.
इन तस्वीरों से चंद्रमा की सतह तलाशने में मदद मिलने के आसार हैं. यही नहीं इससे चांद पर नई जगहों के बारे में भी जानकारी मिल रही है. रोवर की ओर से भेजी गई तस्वीरों के मुताबिक इन गड्डों में धूल और चट्टान से चंद्रमा के शुरुआती भूवैज्ञानिक विकास के बारे में भी जानकारी मिल सकती है.
ऐटकेन बेसिन से भी पुराना गड्ढा
साइंटिस्टों की मानें तो रोवर जब साउथ पोल पर पहुंचा तो उसने ऐटकेन बेसिन के करीब 350 किमी दूर ऊंचे इलाके का चक्कर लगाया. उस दौरान रोवर को चांद की सतह पर सबसे बड़ा और पुराना एक बेसिन मिला. माना जा रहा है कि वैज्ञानिकों को मिला 160 फीट बड़ा गड्ढा इस बेसिन से भी पुराना है. जो खगोलिय घटना के चलते मलबे में दब गया होगा.
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