What is Pager: लेबनान में मंगलवार को हिजबुल्लाह के सदस्यों द्वारा उपयोग किए जाने वाले हजारों वायरलेस उपकरणों में विस्फोट हुए. जिसमें कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई. जबकि करीब 3,000 लोग घायल हो गए. इन विस्फोटों के बाद लेबनान के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने दावा किया कि इन हमलों के पीछे इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद हाथ है. उन्होंने कहा कि मोसाद ने इन धमाकों से पहले ईरान समर्थित समूह द्वारा ऑर्डर किए गए 5,000 ताइवान निर्मित पेजर या "बीपर्स" के अंदर विस्फोटक लगाए थे.
जानें क्या है पेजर?
बता दें कि पेजर या 'बीपर' एक छोटा, पोर्टेबल संचार उपकरण है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी सिग्नल पर छोटे संदेशों को भेजने का काम आता है. जो आमतौर पर संख्यात्मक या अल्फ़ान्यूमेरिक प्राप्त करता है. बाजार में मोबाइल के आने से पहले पेजर का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता था. यह एक महत्वपूर्ण संचार उपकरण था. इस डिवाइस का इस्तेमाल खासकर डॉक्टरों, पत्रकारों, तकनीशियनों और प्रबंधकों जैसे पेशेवरों द्वारा किया जाता था. इससे उन्हें दूरदराज के इलाकों में भी महत्वपूर्ण संदेश और ध्वनि अलर्ट प्राप्त करने में मदद मिलती थी.
ये भी पढ़ें: Virat Kohli: इस मंत्र के सहारे विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया में किया भारत का झंडा बुलंद, खुद किया खुलासा
कैसे काम करता है पेजर?
पेजर का इस्तेमाल बेहद आसान होता है. इसके द्वारा संदेश को रेडियो तरंगों के माध्यम से भेजा जाता था, जिससे डिवाइस एक अलग बीप के साथ उपयोगकर्ता को संकेत भेजती है. इस संकेत के बाद उपयोगकर्ता को संदेश का जवाब देने के लिए पास के सार्वजनिक या लैंडलाइन फोन का पता लगाने की जरूरत पड़ती है.
1949 में किया गया था पेजर का आविष्कार
बता दें कि दुनिया में पहले पेजर का आविष्कारक अल्फ्रेड ग्रॉस थे जिन्होंने साल 1949 में अमेरिका में पेजर का पेटेंट कराया था. "पेजर" शब्द को आधिकारिक तौर पर 1959 में मोटोरोला द्वारा पंजीकृत किया गया था. मोटोरोला के पहला पेजर, 1964 में बनाया. जो पेजबॉय 1, तकनीक में सुधार से पहले टेलीफोन द्वारा एक श्रव्य संदेश भेजा जाता था. उसके बाद 80 के दशक में इसके द्वारा लिखित संदेश भेजा जाने लगा. लेकिन जैसे-जैसे तकनीकी का विकास हुआ.
ये भी पढ़ें: अग्निवीरों को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान, दौड़ी खुशी की लहर
पेजर्स में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए. पेजर के नए मॉडल एक छोटी स्क्रीन से लैस थे, जो उन्हें सीधे डिवाइस पर छोटे संदेश प्रदर्शित करने में सक्षम बनाता था. अमेरिका स्थित पेजर निर्माता स्पोक के हवाले से आई रिपोर्ट में कहा गया कि 1994 में दुनिया भर में 61 मिलियन पेजर का इस्तेमाल किया जाता था. हालांकि, 1990 के दशक तक, मोबाइल फोन ने इन छोटे उपकरणों का स्थान लेना शुरू कर दिया. मोबाइल फोन की सुविधा ने पेजर की मांग को तेजी से कम कर दिया और 1990 के दशक के आखिर तक इनका सार्वजनिक उपयोग बंद हो गया.
ये भी पढ़ें: अमेरिका में भी छाए PM मोदी: चुनाव प्रचार के बीच डोनाल्ड ट्रंप बोले- अगले सप्ताह मिलूंगा, कारण जानकर रह जाएंगे हैरान
हिजबुल्लाह अभी भी क्यों कर रहा पेजर का इस्तेमाल
बता दें कि ईरान समर्थित हिजबुल्लाह को निशाना बनाने वाले ये बात सामने आई कि दुनिया के किसी देश में अभी भी पेजर का इस्तेमाल किया जा रहा है. पेजर का इस्तेमाल हिजबुल्लाह के आतंकियों द्वारा इजरायली इलाकों में ट्रैकिंग से बचने के लिए संचार के कम-तकनीकी साधन के रूप में किया जाता है. क्योंकि पेजर्स अपनी खुद की फ्रीक्वेंसी का उपयोग करते हैं इसलिए उन्हें अधिक विश्वसनीय माना जाता है, क्योंकि वे मोबाइल टेलीफोन नेटवर्क को बायपास करते हैं जो लगातार रुकावटों, कनेक्शन समस्याओं से प्रभावित हो सकते हैं. जिन्हें आसानी से ट्रैक नहीं किया जा सकता.