संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि 2016 अब तक का सबसे गर्म साल है। मौसम वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि इस वर्ष का औसतन तापमान 1.2 सेल्सियस तक होगा जो की शुरुआती औद्योगीकरण के 16-17 साल के जितना ही गर्म होगा और ये तापमान शताब्दी का सबसे उच्चतम तापमान है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2015 में ही कार्बन-डाई-ऑक्साइड की मात्रा अपने रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के महासचिव पेटरी तालस ने बताया कि पेरिस जलवायु समझौते का उद्देश्य था कि बढ़ते हुए वैश्विक तापमान को 2 डिग्री सेल्सियस तक कम किया जाए, जिससे तापमान को शुरुआती औद्योगीकरण के समय में रहे 1.5 डिग्री सेल्सियस के स्तर तक लाया जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक 2016 पिछले कई सालों के मुक़ाबले सबसे गर्म साल रहा हैं, और 2015 के उच्चतम स्तर के रिकॉर्ड को भी तोड़ चुका है।
इससे पहले सालाना वैश्विक कार्बन रिपोर्ट में बताया गया कि जीवाश्म ईंधन के द्वारा हो रहे कार्बन उत्सर्जन में पिछले तीन सालों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है जो एक अच्छी ख़बर है। इसके बावज़ूद पर्यावरण बहुत तेज़ी से ख़तरनाक बदलाव ले रहा है जो ठीक नहीं है।
दोनों रिपोर्ट के मुताबिक़ ग्रीन हाउस को नुकसान पहुंचाने वाले गैस में तेज़ी से इज़ाफ़ा हो रहा है और इस पर वक़्त रहते नियंत्रण करना बहुत ज़रूरी है।
Source : News Nation Bureau