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Gaganyaan Mission: भारत का गौरव है मिशन गगनयान! सफलता के बाद भारत हासिल करेगा ये 3 मुकाम...

Gaganyaan Mission TV-D1: गगनयान मिशन का परीक्षण उड़ान आगामी 21 अक्टूबर को लॉन्च होगी. ऐसे में चलिए जानें आखिर कैसे मिशन गगनयान सही मायने में भारत का गौरव है...

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Sourabh Dubey
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Gaganyaan-Mission( Photo Credit : news nation)

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अब अंतरिक्ष में कदम रखेंगे भारतीय... बस कुछ घंटों का और इंतजार, फिर होगा आगाज भारत के पहले ह्यूमन स्पेस मिशन का. जी हां... भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि ISRO ने बीते सोमवार इसे लेकर बड़ा ऐलान किया है, जिसके तहत आगामी 21 अक्टूबर को, ISRO गगनयान मिशन में परीक्षण उड़ान लॉन्च करेगा. सूचना के मुताबिका, इसमें टेस्ट व्हीकल अबार्ट मिशन-1 (टीवी-डी 1) के साथ क्रू एस्केप सिस्टम का इनफ्लाइट एबार्ट टेस्ट किया जाएगा, जिसका उद्देश्य गगनयान मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा... 

दरअसल अगर गगनयान मिशन के तहत किया जा रहा ये परीक्षण सफल रहता है, तो भारत उस exclusive club का हिस्सा बन जाएगा, जिसमें रूस, अमेरिका और चीन जैसे विशिष्ट देशों का समूह मौजूद है. ऐसे में बतौर भारतीय हमारे लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि, इस ऐतिहासिक मिशन की सफलता हमारे लिए गर्व की बात क्यों हैं?

हालांकि पहले जान लेते हैं कि, इस गगनयान मिशन के परीक्षण के तहत क्या होगा? तो दरअसल ISRO इस परीक्षण के दौरान मिशन को मद्देनजर रखते हुए हर एक हरकत पर नजर बनाए रखेगा. परीक्षण के शुरुआत में माड्यूल को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा, जिसके साथ ही तीन अंतरिक्षयात्रियों के दल को भी अंतरिक्ष में 400 किमी की कक्षा में भेजा जाएगा.

इसके बाद उन्हें दोबारा सुरक्षित पृथ्वी पर लाकर, भारत पूरी दुनिया के सामने मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करेगा. वहीं माड्यूल को पृथ्वी पर लाकर बंगाल की खाड़ी में उतार दिया जाएगा. 

भारत का गौरव है मिशन गगनयान  

1. जैसा की हमने पहले बताया; अगर भारत का मिशन गगनयान कामियाब रहता है, तो हमारे देश उन देशों के विशिष्ट समूह में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने अंतरिक्ष में मानव को भेजा है. इसमें रूस, अमेरिका और चीन के बाद हमारे देश भारत चौथा होगा, जो हमारे लिए गर्व की बात है. 

2. न सिर्फ इतना, बल्कि हमें अंतरिक्ष से जुड़ी भरपूर जानकारी भी हासिल होगी. मसलन फिलहाल हमें अंतरिक्ष में अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षा और इसके लिए पर्याप्त स्थिर रॉकेट बनाने की सीमित जानकारी है, मगर इस मिशन के सफल होने के बाद हमारे पास अनुभव और जानकारी का भंडार होगा, जिसके मदद से हमारा देश ऐसे कई कीर्तिमान स्थापित करेगा. 

3. ISRO के बाकि तमाम मिशन्स की तरह ही इसे भी किफायती बनाने का पूरा प्रयास किया गया है, जिसके लिए इसमें इस्तेमाल होने वाली बड़ी सामग्रियों और घटकों को स्क्रैप से डेवलप किया गया है. ऐसे में अगर ये मिशन सफल रहता है, तो ये बहुत ही कम दर में इंसानों को अंतरिक्ष में पहुंचाने वाला सबसे किफायती मिशन साबित होगा, जो वाकई में हमारे देश के लिए एक गौरव है. 

Source : News Nation Bureau

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