हम उस दौर में जी रहे हैं जहां टेक्नोलॉजी को बदलते समय नहीं लगता और अब वो समय दूर नहीं जब हम अपने 4G फोन को गुड बॉय कर देंगे. जी हां वो समय अब दूर नहीं जब हमारे हाथों में 5G फोन होंगे. लेकिन पहले जानिए क्या है 2जी, 3जी टेक्नोलॉजी और इनके आने के बाद क्या क्या बदलाव हुए थे.
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2G
सेकण्ड जनरेशन (2जी) टेक्नोलॉजी की स्थापना 1991 में हुई थी. 2जी टेक्नोलॉजी तकनीक डिजिटल सिग्नल पर आधारित है. इसे संक्षेप में हम GSM कह सकते हैं. 2 इस टेक्नोलॉजी के आने के बाद मानो जैसे मोबाइल टेक्नोलॉजी में क्रांती आ गई. फोनकॉल के साथ-साथ इंटरनेट का मजा यूजर्स उठा सकते थे.
3G नेटवर्क, जो बना फ्रंट कैमरा की वजह
वीडियो कांफ्रेसिंग और मोबाइल टेलीविजन के मामले में 2जी सफल नहीं हुआ. जिसके बाद साल 2009 में 3जी टेक्नोलॉजी ने नेटवर्क की दुनिया में हलचल मचा कर रख दी. इसकी डाटा ट्रांसफर स्पीड 21 mbps है, जो 2जी के मुकाबले बहुत ज्यादा है. वहीं अपलोड स्पीड 5.7 mbps है.
4G
भारत के यूजर्स ने अभी 3जी नेटवर्क का पूरा मजा लिया ही नहीं था कि साल 2015 में 4जी जनता के बीच आ धमका. वैसे यह तकनीक 3जी के मुकाबले लगभग 5-10 गुना तेज है यानी इसमें इंटरनेट की स्पीड 100 Mbps से 1Gbps के लगभग है.
क्या है 5G
फोन और कंप्यूटर में 4जी चलाने वाले यूजर अब 5जी के इंतजार में हैं. जानते हैं 5जी आखिर क्या है और ये आपकी जिंदगी कैसे बदल देगा, मोटामाटी समझलें तो 5जी के बाद आपके मोबाइल फोन में इंटरनेट 100 गुना तेजी से चलने लगेगा. इस तकनीक के बारे में कहा जा रहा है कि इसके आने से मशीन आप से बात कर सकेंगी.. या मशीन मशीन से बात कर सकेंगी. लेकिन इन सबके लिए जरूरी है कि आपके डिवाइस 5G सपोर्ट करते हों. अगर ऐसा हुआ तो आपका जीवन बिल्कुल बदल जाएगा. वैज्ञानिकों का 5G को लेकर कहना है कि यह इंसानों के लिए इतना नया होगा जैसा उनके लिए मंगल गृह पर जाना. सोचिए कैसा महसूस करेंगे आप जब आपकी कार आप से बात करे.. या वह काफी दूरी पर लगी रेड़ लाइट से तालमेल बैठाए यही नहीं सड़क पर चलते वक्त वह आस पास के लोगों की सेफ्टी को देखते हुए खुद से चौकन्नी हो कर गुजरे और इसके लिए वह अपने हर सेंसर से खासा तालमेल स्थापित करे.
हालाकि अभी कंपनियां इस के टेस्ट कर रही हैं. उनका कहना है कि इसमें हमें शुरूआती कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उनका कहना है कि हमें इसके लिए हमें बहुत सारे ऐंटीना जगह- जगह स्थापित करने होंगे. कंपनियां इसके सिग्नल फास्ट ट्रेन से लेकर तेज रफ्तार से दौड़ती कार पर भी टेस्ट कर रहे हैं.
कैसे होगा डेटा ट्रांसफर
इसके जरिए रियल टाइम में डाटा ट्रांसफर भी संभव हो सकेगा. 5जी से मतलब है फिफ्थ जेनरेशन मोबाइल नेटवर्क, जो 2010 में आए 4जी के बाद आया है. इसे एलटीई भी कहा जाता है. 5जी दो बड़े फायदों के साथ आएगा. पहला डाउनलोड स्पीड और दूसरा डाटा ट्रांसफर. इसमें डाउनलोडिंग की स्पीड 10 गीगाबाइट प्रति सेकंड हो जाएगी, मतलब आप 5जीबी की पूरी की पूरी डीवीडी आधे सेकंड में डाउनलोड कर पाएंगे. इसके बाद अगर आप 4k वीडियो क्वालिटी (100+जीबी) में चाहते हैं तो उसे भी आप 10 सेकंड में प्राप्त कर सकते हैं.
5जी में वाईफाई की स्पीड भी आपको हैरान कर सकती है. वहीं डाटा ट्रांसफर जो फिलहाल लंबा वक्त ले लेता है वह भी एक सेंकड से कम में पूरा हो जाएगा. तेजी से डाटा ट्रांसफर होना नई तकनीकों मसलन ऑटोनॉमस ड्राइविंग, टेलिमेडिसिन के लिए संभावनाओं का बाजार और भी खोल सकता है.
शुरुआत में शायद इस्तेमालकर्ताओं को बहुत कुछ न मिले क्योंकि यूजरों के हाथ में अभी सही स्मार्टफोन नहीं पहुंचा हैं. 2018 में दक्षिण कोरिया में हुए शीतकालीन ओलंपिक को देखने पहुंचे लोगों ने 5जी का इस्तेमाल करने की कोशिश की थी. लोगों ने रियल टाइम में वीडियो लेने की कोशिश की, लेकिन 4जी फोन पर 5जी को इस्तेमाल करना और फिर बफरिंग में फंसे रहना एक बड़ी समस्या बना रहा.
मार्च 2019 तक दक्षिण कोरिया 5जी का इस्तेमाल पूरे देश में शुरू कर देगा. तीन बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर इस सेवा को लॉन्च करने के लिए दक्षिण कोरिया में दिन-रात काम कर रहे हैं.
उस वक्त तक शायद जर्मनी मोबाइल फोन ऑपरेटरों को ये फ्रीक्वन्सी बेचना शुरू कर देगा. द यूनाइटेड स्टेट्स फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन (एफसीसी) जल्द ही इस 5जी तकनीक को बेचना शुरू कर देगा. दक्षिण कोरिया के बाद चीन और जापान 5जी की रेस में सबसे आगे हैं.
Source : News Nation Bureau