हम उस दौर में जी रहे हैं जहां टेक्नोलॉजी को बदलते समय नहीं लगता और अब वो समय दूर नहीं जब हम अपने 4G फोन को गुड बॉय कर देंगे. दुनिया की कई बड़ी कंपनियां 5G टेक्नोलॉजी पर पानी की तरह अपना पैसा बहा रहीं हैं. इसके साथ ही जानकार बताते हैं कि इस दौड़ में इंसान कई घातक बदलावों की तरफ खुद को धकेलता जा रहा है. आइए जानें इसके आने से बढ़ सकते हैं कौन से खतरे..
क्या है 5G
फोन और कंप्यूटर में 4जी चलाने वाले यूजर अब 5जी के इंतजार में हैं. जानते हैं 5जी आखिर क्या है और ये आपकी जिंदगी कैसे बदल देगा, मोटामाटी समझलें तो 5जी के बाद आपके मोबाइल फोन में इंटरनेट 100 गुना तेजी से चलने लगेगा. इस तकनीक के बारे में कहा जा रहा है कि इसके आने से मशीन आप से बात कर सकेंगी.. या मशीन मशीन से बात कर सकेंगी. लेकिन इन सबके लिए जरूरी है कि आपके डिवाइस 5G सपोर्ट करते हों. अगर ऐसा हुआ तो आपका जीवन बिल्कुल बदल जाएगा. वैज्ञानिकों का 5G को लेकर कहना है कि यह इंसानों के लिए इतना नया होगा जैसा उनके लिए मंगल गृह पर जाना. सोचिए कैसा महसूस करेंगे आप जब आपकी कार आप से बात करे.. या वह काफी दूरी पर लगी रेड़ लाइट से तालमेल बैठाए यही नहीं सड़क पर चलते वक्त वह आस पास के लोगों की सेफ्टी को देखते हुए खुद से चौकन्नी हो कर गुजरे और इसके लिए वह अपने हर सेंसर से खासा तालमेल स्थापित करे.
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चीन की कंपनी हुआवेई है सबसे आगे
दुनिया बेसब्री से 5G का इंतजार कर रही है. 5G को पूरी तरह से लॉन्च करने को लेकर तकनीक क्षेत्र की कई बड़ी कंपनियां अलग-अलग मानकों पर इसका परीक्षण कर रही है. लेकिन इसमें सबसे आगे है चीनी कंपनी हुआवेई.
जब टेस्टिंग के दौरान हुई कई पक्षियों की मौत
दुनिया को पूरी तरह से बदलने का दावा करने वाली यह तकनीक को जीव जंतुओं के लिए बड़ा खतरा बताया जा रहा है. 5G को लेकर यह अहम सवाल तब खड़ा हुआ है जब नीदरलैंड में टेस्टिंग के दौरान अचानक सैकड़ों पक्षियों की जान चली गई. हाल ही में नीदरलैंड के हेग शहर में अचानक ही सैकड़ों पक्षियों के मरने की खबर तेजी से फैलने लगी. एक वेबसाइट के मुताबिक, हेग शहर में 5G टेस्टिंग के दौरान करीब 297 पक्षियों की जान चली गई. इनमें से 150 पक्षियों की मौत टेस्टिंग शुरू होने के तुरंत बाद हो गई 5G टेस्टिंग के रेडिएशन का इतना बुरा प्रभाव था कि आसापास के कई तालाब में बत्तखों के झुंड में अजीब तरह का व्यवहार देखा गया. वो बार-बार अपना सिर पानी में डूबों रही थी और बाहर आ रहीं थीं.
जानकारी के अनुसार 5G टेस्टिंग के दौरान रेडियो फ्रिक्वेंसी रेडिएशन 7.40 गीगाहार्ट्ज था. हालांकि अभी इसके बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इसके पहले भी एक और शहर में 5G टेस्टिंग के दौरान कई गायों को भी परेशानी की बात सामने आई थी. बताया गया कि स्विटजरलैंड में 5G टेस्टिंग के दौरान गायों का एक झूंड अचानक से जमीन पर गिर गया. डच फूड एंड कंज्यूमर प्रोडक्ट्स सेफ्टी अथाॅरिटी ने इन मरे हुए पक्षियों की लैब में टेस्टिंग कर रही है. जिस पार्क में इन पक्षियों की मौत हुई है, उसे पूरी तरह प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है.
हाॅलैंड के एक एनजीओ के चेयरमैन पिटर कैलिन ने एक वेबसाइट को बताया है, पहले हमें बताया गया था कि माइक्रोवेव से किसी भी जीव को खतरा नहीं होता. लेकिन पर्यावरण मामलों के कई डाॅक्टर्स ने चेतावनी दी है कि 5G तकनीक में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है. ये बहुत तेजी से जीव जंतुओ के स्किन में अब्जार्ब होता है. इससे कैंसर का भी खतरा भी बढ़ जाता है. 5G के कई प्रोमोटर्स का दावा है कि इससे तकनीक से डाटा ट्रांसफर बहुत अधिक तीव्र हो जाएगा और साथ में एनर्जी व वित्तीय खर्च भी बहुत कम होगा. इसके लिए उच्चतम में रेडियो फ्रिक्वेंसी बैंड्स का इस्तेमाल किया जाना है.
आतंक का बढ़ सकता है खतरा
एक तरफ जहां रिमोट सेंसिंग जैसी तकनीकी को तेजी से बढ़ावा मिलेगा वहीं स्पेस समेत कई क्षेत्रों में 5G नेटवर्क से मदद मिलेगी. ऐसे में बड़े देशों में बैठे साइबर एक्सपर्ट छोटे देशों के तंत्र में आसानी से तांक-झांक कर सकते हैं. जिससे देशों की सुरक्षा और आतंकी गतिविधियों का खतरा बढ़ सकता है. यही वजह है कि चीन, अमेरिका, नार्थ कोरिया और जापान समेत कई देश 5जी नेटवर्क को लेकर काफी सावधानी बरत रहे हैं ताकि आने वाले समय में इससे बड़ा नुकसान न हो सके.
स्वास्थ्य पर पड़ेगा गहरा असर
5G नेटवर्क के शुरू होते ही मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ने लगेगी. जिससे आरएफ सिग्नल भी काफी संख्या में निकलेगा. ऐसे में विकिरण से स्वास्थ्य खराब होने की आशंका भी ज्यादा पैदा हो जाएगी. जानकारों की मानें तो अगर सुरक्षा की मानें तो RF से डरने की जरूरत नहीं.
Source : News Nation Bureau