AI से बचना नामुमकिन है! खबर यूपी से है, जहां पुलिस ने AI की मदद से एक बहुत बड़ी वारदात का खुलासा किया है. दरअसल पूरा मामला प्रदेश में आयोजित उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षा से जुड़ा है, जहां यूपी पुलिस ने एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर की मदद से 87 संदिग्ध नकलचियों का भांडाफोड़ करते हुए उन्हें धर-दबोचा. गिरफ्त में आए नकलचियों में 11 संदिग्ध लखनऊ से हैं, जबकि राजधानी दिल्ली से सटे गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद के कुल 12 संदिग्ध गिरफ्तार किए गए हैं.
गौरतलब है कि इन गिरफ्तार संदिग्धों में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती परीक्षा के लिए डमी उम्मीदवार भी शामिल थे, जो रियल कैंडिडेट की जगह धोखाधड़ी से परीक्षा देने पहुंचे थे. साथ ही ये इस परीक्षा को पास करने के लिए ये लोग अनुचित साधनों का उपयोग कर रहे थे.
क्या बोले अधिकारी...
बता दें कि प्रदेश में आयोजित प्रतियोगी परीक्षा के मद्देनजर अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में परीक्षा की शुद्धता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए UPSSSC द्वारा सभी प्रयास किए गए थे. साथ ही परीक्षा से संबंधित सभी गतिविधियों की लाइव स्ट्रीमिंग कर हर केन्द्र पर कड़ी निगरानी की जा रही थी. इसी के तहत आयोग ने एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर और तकनीक के इस्तेमाल से विशेष कार्य बल, जिला और स्थानीय पुलिस प्रशासन के सक्रिय समर्थन से करीब 87 नकलचियों को दबोचा गया.
कहां से कितने पकड़ें?
जिला | संदिग्ध गिरफ्तार |
लखनऊ | 11 |
बांदा | 10 |
अलीगढ़ | 8 |
कानपुर | 8 |
वाराणसी | 8 |
गाजियाबाद | 7 |
गोरखपुर | 6 |
आज़मगढ़ | 5 |
गौतम बुद्ध नगर | 5 |
मिर्ज़ापुर | 5 |
आगरा | 4 |
झांसी | 4 |
बस्ती | 2 |
बरेली | 1 |
मेरठ | 1 |
प्रयागराज | 1 |
मोरादाबाद | 1 |
वहीं पुलिस ने अतिरिक्त जानकारी देते हुए बताया कि, इन सभी मामलों में संबंधित जिलों में फिहलाल प्रशासन द्वारा उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है. इसमें प्रदेश में आयोजित सार्वजनिक परीक्षाओं के दौरान जालसाजी, अनुचित साधनों का उपयोग और धोखाधड़ी करने के मामले में FIR दर्ज की गई है.
Source : News Nation Bureau