Bharti Airtel: भारतीय टेलीकॉम कंपनी एयरटेल लंबे समय से डेटा लीक को लेकर विवादों में घिरी हुई है. वहीं दावा किया जा रहा है कि 375 मिलियन एयरटेल ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी डार्क वेब पर बेची गई है. एयरटेल ने इन दावों का विरोध करते हुए इस बात को इनकार कर दिया है. मीडिया टीम से बात करते हुए एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा कि, " आरोप लगाया जा रहा है कि एयरटेल अपने ग्राहकों के डेटा के साथ छेड़छाड़ कर रही है. जो एयरटेल की छवि को धूमिल करने का प्रयास है. हमने इस मामले में जांच पूरी कर ली है और विश्वास के साथ कह सकते हैं कि एयरटेल के सिस्टम के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है."
375 मिलियन एयरटेल ग्राहकों के डेटा लीक
बता दें कि "xenZen" नाम का एक हैकर डार्क वेब फोरम पर बिक्री के लिए एक डेटाबेस लिस्ट को शेयर किया है, जिसमें कथित तौर पर 375 मिलियन एयरटेल ग्राहकों के फोन नंबर, ईमेल, एड्रेस और आधार के साथ कई तरह के डेटा कि संवेदनशील जानकारी शामिल है.
हालांकि इस बात पर अभी तक सहीं जानकारी सामने नहीं आई है कि 375 मिलियन ग्राहकों का डेटा वास्तव में किसी हैकर ने हैक किया है या नहीं, और अगर एयरटेल सिस्टम में कोई सेंध लगाई गई है, तो सिक्योरिटी रिसर्चर का मानना है कि यह फर्जी नहीं हो सकता.
साइबर सिक्योरिटी थ्रेड्स ने किया रीट्वीट
वहीं निकोलस क्रैसस, जो साइबर सिक्योरिटी थ्रेड्स का मुकाबला करने के लिए हेनकेल एजी के साथ काम करते हैं, उन्होंने एयरटेल डेटा सेंध के बारे में जानकारी को रीट्वीट किया है. अगर यह बात सही साबित होती है, तो इससे पता चलता है कि दूरसंचार कंपनियों के लिए डेटा सुरक्षा कर पाना काफी मुस्किल होगा. अगर कोई वास्तविक उल्लंघन हुआ, तो लाखों एयरटेल उपयोगकर्ताओं के लिए इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. लीक हुई व्यक्तिगत जानकारी का यूज करके चोरी, स्पैम कॉल और मैसेज के जरिए आपको ब्लैक मेल किया जा सकता है और आपसे पैसे मांगे जा सकते हैं.
हालांकि एयरटेल ने किसी भी तरह के डेटा उल्लंघन से साफ इनकार कर दिया है, लेकिन कंपनी के लिए पारदर्शी होना और यूजर्स डेटा की सुरक्षा को देखते हुए सही कदम उठाना पड़ेगा. इसमें रिपोर्ट किए गए लीक की आगे की जांच करना, ग्राहकों को किसी भी संभावित जोखिम के बारे में सूचित करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूत डेटा सुरक्षा उपायों को लागू करना शामिल हो सकता है.
अपने फोन को कैसे रखे सुरक्षी
1 - सभी लोगों को अपने फोन के पासवर्ड को अक्सर बदते रहा चाहिए. वहीं हैक किए गए ईमेल एड्रेस से जुड़े सभी ऑनलाइन अकाउंट के पासवर्ड अपडेट करें.
2 - अपने अकाउंट की निगरानी करने के साथ किसी भी लेनदेन के लिए रेगुलर तरिके से बैंक और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट की जांच करते रहें.
3 - किसी तरह के लिंक पर क्लिक करने से बचें.
Source : News Nation Bureau