देश की संसद की संयुक्त समिति ने अमेजन (Amazon) के प्रतिनिधियों से डाटा सुरक्षा के मुद्दे पर 28 अक्टूबर को पेश होने को कहा था, पर जवाब में अमेजन ने अपनी उपस्थिति से साफ इनकार कर दिया है. अमेजन के इस रवैये को कैट ने एक बड़ा दुस्साहस बताया है. कैट ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि अमेजन एवं अन्य ई कॉमर्स कंपनियां कानूनों को न मानने की आदत से लाचार हैं. ये कंपनियां खुले रूप से सरकार की एफडीआई पॉलिसी का उल्लंघन करती आ रही हैं, लेकिन चूंकि इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है, इसलिए इनके हौसले बेहद बुलंद हो गए हैं.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि कैट ने अमेजन और उसके जैसी अन्य विदेशी ई कॉमर्स पोर्टल की अनैतिक कार्य प्रणाली के खिलाफ समय समय पर आवाज भी उठाई है. इनकी दबंगई के कारण आज देश के रिटेल सेक्टर के व्यापारी भारी नुकसान झेल रहे हैं और अगर ऐसा ही चलता रहा तो उन्हें सड़क पर उतरना पड़ेगा. कैट लगातार सरकार से एक मजबूत ई कॉमर्स पॉलिसी और एक रेगुलेटरी बॉडी के गठन की मांग करता रहा है. मौजूदा हालात में ये अब और भी जरूरी हो गया है.
खंडेलवाल ने कहा, 'जब अमेजन जैसी विदेशी कंपनियां हमारे देश की संसद की संयुक्त समिति का सम्मान नहीं करती हैं तो आगे क्या होगा इसका अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नही है. इसलिए कैट एक बार फिर सरकार से इनके इसी गैर जि़म्मेदाराना रवैये के खिलाफ सख्त करवाई की मांग करता है. कैट सरकार से ई-कॉमर्स पॉलिसी की सौगात देश को जल्द देने का अनुरोध करता है और मांग करता है कि ई-कॉमर्स पोर्टल को मॉनिटर करने के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी का गठन करे.'
Source : IANS