अमेरिकी सरकार द्वारा वैश्विक चिप निर्माता क्वॉलकॉम पर कम लाइसेंसिंग फीस के लिए एपल को उसके चिप के इस्तेमाल पर मजबूर करने को लेकर मुकदमा दायर करने के एक दिन बाद ही क्यूपर्टिनों की तकनीकी दिग्गज ने रॉयल्टी को लेकर क्वॉलकॉम पर लगभग 1 अरब डॉलर का मुकदमा किया है।
सीएनइटी की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को दाखिल किए गए इस मुकदमे में एपल ने वायरलेस चिप निर्माता पर आरोप लगाया है कि उसकी प्रोसेसर तकनीक के लिए उचित लाइसेंस शर्त नहीं थी।
एपल ने एक बयान में कहा, 'पिछले कई सालों से क्वॉलकॉम ने गलत तरीके से उन तकनीकों पर भी रॉयल्टी वसूला है जिन पर उनका हक नहीं है।'
एनइटी की रिपोर्ट में एक बयान के हवाले से कहा गया, 'एपल जितना ज्यादा विशिष्ट फीचरों की खोज करती थी, जैसे टचआईडी, एडवांस डिस्प्ले और कैमरा आदि। क्वालकॉम उससे रॉयल्टी शुल्क के रूप में बिना किसी उचित कारण से उतना ही अधिक धन वसूलती थी।
इसके कारण एपल के इन नवाचारों पर अधिक से अधिक निवेश करना पड़ा।' इस दौरान क्वॉलकॉम ने एपल के आरोपों को 'आधारहीन' करार दिया है।
क्वॉलकॉम के कार्यकारी उपाध्यक्ष और सामान्य परामर्शक डॉन रोसेनबर्ग ने कहा, 'एपल ने जानबूझकर समझौता शर्तो को तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत किया है। हमने कई तकनीक की खोज की है और इसे लाइसेंस की शर्तो के तहत कई मोबाइल डिवाइस निर्माताओं से साझा किया है।'
Source : IANS