चांद पर लगा कूड़े का ढेर, आखिर कौन है इसके लिए जिम्मेदार; जानें कितना कचरा है जमा

चांद पर पहुंचने के लिए इंसान की ओर से कई जतन किए जा रहे हैं. विज्ञान इस खोज में लगा है कि क्या चांद पर जीवन संभव है या नहीं?.

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Deepak Pandey
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चांद पर लगा कूड़े का ढेर, आखिर कौन है इसके लिए जिम्मेदार; जानें कितना कचरा है जमा

प्रतीकात्मक फोटो

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चांद पर पहुंचने के लिए इंसान की ओर से कई जतन किए जा रहे हैं. विज्ञान इस खोज में लगा है कि क्या चांद पर जीवन संभव है या नहीं?, लेकिन क्या आप जानते हैं जीवन की तलाश में चांद पर कई किलो कूड़ा कचरा जमा हो गया है. जो मानव द्वारा ही निर्मित है. 2018 में जारी हुई नासा की रिपोर्ट के मुताबिक, मनुष्य-निर्मित 400,000 पाउंड (181436 किलो) से अधिक कूड़ा चांद की सतह पर मौजूद है. कूड़े की मात्रा अब और अधिक हो सकती है.

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वैज्ञानिकों को पता चला है कि अगर कुछ उपकरण पीछे छोड़ दिए जाएं तो वहां पहुंचे अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना सस्ता और आसान होता है. ऐसे में मानव रहित मिशनों से कूड़ा चांद पर जमा हो गया है. वहीं, चांद पर कूड़ा जमा होने का दूसरा कारण भेजे गए यानों का दुर्घटनाग्रस्त होना भी है. जो चांद पर रह जाते हैं. बता दें कि सिर्फ चंद्रमा की सतह पर कूड़ा नहीं है, बल्कि वैज्ञानिकों का कहना है कि शुक्र और मंगल की सतहों पर कूड़ा-कचरा है.

आज से ठीक 62 साल पहले 4 अक्टूबर 1957 को सोवियत संघ ने अंतरिक्ष में पहला कृत्रिम उपग्रह छोड़ा था. सैटेलाइट का नाम था स्पूतनिक था. इसके बाद से कई उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किए गए. अधिक अंतरिक्ष गतिविधि मंगल, शुक्र और चांद पर बढ़ते हुए कचरे का कारण बनी. बता दें कि लाखों-करोड़ों टुकड़े सौरमंडल में पृथ्वी के करीब तैर रहे हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, अंतरिक्ष से निकलने वाले कंट्रोल स्टेशन, रॉकेट पार्ट्स, मृत उपग्रह, खोए हुए अंतरिक्ष यात्री के उपकरण ही अंतरिक्ष में 95 प्रतिशत कूड़ा फैलाते हैं.

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एक एयरोस्पेस इंजीनियर और वायुमंडलीय विशेषज्ञ बिल ऐलोर के अनुसार, अंतरिक्ष में मलबे सैकड़ों वर्षों के लिए रह सकते हैं. उच्च कक्षाओं में वस्तुएं हजारों वर्षों तक तैरती रह सकती हैं. स्पेस-ट्रैक के आंकड़ों के अनुसार, रूस और चीन के बाद अमेरिका सबसे अधिक कचरे के लिए जिम्मेदार है.

अंतरिक्ष यात्री चांद पर कई चीजें छोड़ आए हैं

चांद पर जाने के दौरान कई अंतरिक्ष यात्री अपना सामान वहीं छोड़कर आ गए थे. अमेरिका के अपोलो 11 मिशन के दौरान जब चांद पर नील आर्मस्ट्रॉग और बज एल्ड्रिन ने कदम रखा था तो वह 100 से ज्यादा चीजें चांद पर छोड़ कर आए थे. जब अपोलो 11 मिशन को सफल माना गया था तो यह पता चला कि दो अंतरिक्ष यात्रियों ने चंद्रमा पर वायुमंडल के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए यांत्रिक सेंसर के अलावा कई वस्तुओं को चंद्रमा पर छोड़ दिया था.

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अंतरिक्ष यात्री अपने स्पेसफ्लाइट पर भार को कम करना चाहते थे, ताकि उड़ान के दौरान ईंधन को पृथ्वी पर वापस लाया जा सके. यही कारण है कि उन्होंने चंद्रमा की सतह पर कुछ और वस्तुओं को छोड़ने का फैसला किया. इसमें प्रमुख रूप से भारी धातु मशीनरी, कार्बन फाइबर और दुर्घटनाग्रस्त ऑर्बिटर्स शामिल थे. वहीं, साथ ही खाने- पीने की चीजों के पैकेट, चीमटे की एक जोड़ी, टीवी कैमरा, फिल्म मैगजीन, कंटेनर और कुछ डिस्पोसल कंटेनर भी चांद पर ही छोड़ दिए थे.

इसके साथ ही उन्होंने सिलिकॉन डिस्क भी छोड़ी, जिसमें अमेरिका के 37वें राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और 75 अन्य अंतरराष्ट्रीय विश्व नेताओं द्वारा टेप किए गए संदेश थे. इसी के साथ उन्होंने अपने साथ लगभग 380 किलो चांद के पत्थर भी लिए, जिनकी कीमत और करोड़ों-अरबों में है. बता दें मनुष्य ने 1969 से 1972 तक 181,437 किलोग्राम कूड़ा चंद्रमा की सतह पर छोड़ा है. अब अंतरिक्ष प्रहरी के लिए चिंता का एक बड़ा मुद्दा बन गया है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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