तीन साल पहले ढूंढ़ा गया 650 मीटर आकार का क्षुद्रग्रह यानि ऐस्टरौएड 19 अप्रैल को पृथ्वी के नजदीक से सुरक्षित गुजरेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने यह जानकारी दी। क्षुद्रग्रह पृथ्वी से लगभग 18 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजर सकता है। यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी का लगभग 4.6 गुना अधिक है।
इस क्षुद्रग्रह के हालांकि पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है, लेकिन जिस दूरी से यह पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा, वह दूरी इस आकार के क्षुद्रग्रह के लिए बेहद नजदीक है।
क्षुद्रग्रह का नाम 2014 जेओ25 है, जिसे एरिजोना में टक्सन के निकट कटालिना स्काई सर्वे के खगोलविदों ने मई 2014 में खोजा था। वैज्ञानिकों के मुताबिक, क्षुद्रग्रह की सतह चंद्रमा की सतह से दोगुनी चमकीली है।
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क्षुद्रग्रह सूर्य की तरफ से पृथ्वी की ओर आएगा और 19 अप्रैल के बाद रात में आसमान में दिखाई देगा। नासा ने कहा, 'इस दूरी से छोटे आकार के क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से अक्सर गुजरते हैं, लेकिन इस आकार के क्षुद्रग्रह के पृथ्वी के इतने पास से गुजरने की यह पहली घटना होगी।'
400 वर्षो में यह क्षुद्रग्रह धरती के इतना नजदीक नहीं आया और अब कम से कम अगले 500 वर्षो में धरती के इतना नजदीक आएगा।
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अगली बार इस आकार का क्षुद्रग्रह साल 2027 में पृथ्वी के करीब से गुजरेगा। इस दौरान 800 मीटर आकार का क्षुद्रग्रह 1999 एएन10 पृथ्वी से एक चंद्र दूर लगभग 380,000 किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा।
19 अप्रैल को क्षुद्रग्रह के पृथ्वी के पास से गुजरने की घटना खगोलविदों को क्षुद्रग्रह का अध्ययन करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करेगी। इसके अलावा, 19 अप्रैल को ही धूमकेतु पीएएनएसटीएआरआरएस (सी/2015ईआर61) पृथ्वी से 17.5 करोड़ किलोमीटर की दूरी से सुरक्षित गुजरेगा।
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Source : IANS