आज दुनिया भर में महान वैज्ञानिक और गणितज्ञ आइजैक न्यूटन (Isaac Newton) का जन्मदिवस मनाया जा रहा है. आइजैक न्यूटन न केवल एक वैज्ञानिक थे, बल्कि गणितज्ञ, भौतिकविद, खगोलविद, धर्मशास्त्री के अलावा और भी बहुत कुछ थे. गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) और गति (Motion) के नियमों का ईजाद करने वाले न्यूटन की बहुत सारी खोजें और आविष्कारों ने दुनिया में आमूलचूल बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वैसे तो न्यूटन को लेकर कई किस्से मशहूर हैं, लेकिन उनके बारे में कहा जाता है कि उनकी दो जन्मतिथियां थीं.
उनके दौर में प्रचलित कैलेंडरों के चलते उनकी दो जन्मतिथियां गिनी जाने लगीं. दोनों जन्मदिन में 10 दिनों का अंतर है. बताया जाता है कि चार जनवरी के अलावा 25 दिसंबर को भी न्यूटन का जन्मदिन मनाया जाता है. यह भी कहा जाता है कि इंग्लैंड में न्यूटन 25 दिसंबर को ही अपना जन्मदिन मनाते थे, जबकि इंग्लैंड से बाहर उनका जन्मदिन 4 जनवरी को मनाया जाता था. तब इंग्लैंड में जूलियन कैलेंडर का उपयोग होता था, जिसके मुताबिक न्यूटन का जन्म 25 दिसंबर 1642 को हुआ था, वहीं बाकी यूरोप में तब ग्रिगोरियन कैलेंडर अपनाया जा चुका था, जिसके हिसाब से न्यूटन 4 जनवरी 1643 को पैदा हुए थे. चूंकि आज भी ग्रिगोरियन कैंलेंडर पूरी दुनिया में प्रचलित हो गया है, इसी कारण आधिकारिक रूप से 4 जनवरी को ही उनकी जन्मतिथि मानी गई.
इंग्लैंड में वूल्सथोर्पे के मैनोर हाउस में पैदा हुए न्यूटन के सिद्धांत के पहले भी गुरुत्व की अवधारणा थी, लेकिन न्यूटन के सिद्धांतों से गुरुत्वाकर्षण को सौर्वभौमिकता (Univerality) प्रदान की. इसलिए माना जाता है कि न्यूटन ने विज्ञान में एक नए युग की शुरुआत की.
गुरुत्वाकर्षण और गति के नियम के अलावा न्यूटन ने कैल्क्युलस का आविष्कार कर गणित को एक नई विधा दी. साथ ही रिफ्लेक्टिंग टेलीस्कोप उन्होंने ही बनाया. सफेद प्रकाश को प्रिज्म के जरिए रंगों का स्पैक्ट्रम उन्होंने ही दिखाया, जो आज खगोलविज्ञान का आधार है. बहुत कम लोगों को पता है कि न्यूटन की रसायन शास्त्र में गहरी रुचि थी और उससे भी ज्यादा उन्हें अल्कैमी रोचक लगती थी. उन्होंने रसायनशास्त्र पर बहुत से लेख लिखे और अल्कैमी पर काफी प्रयोग किए.
न्यूटन ने सर्वाधिक लेख इतिहास और धर्मशास्त्र पर लिखे. दर्शनशास्त्र और कालक्रम विज्ञान में भी उनकी रुचि थी. इसके अलावा विज्ञान में द्रव्य यांत्रिकी, प्रकाश जैसे विषयों में उनका दखल था. न्यूटन ने कैल्क्युलस का आविष्कार यह सिद्ध करने के लिए किया था कि ग्रह सूर्य का चक्कर अंडाकार कक्षा में लगाते हैं.
न्यूटन ने शादी नहीं की थी. 20 मार्च 1727 को लंदन में उनका निधन हुआ था. कहा जाता है कि मृत्यु के बाद उनके शरीर में ढेर सारा पारा मिला था. पारा मिलने को किसी ने उनके अल्कैमी के प्रयोगों से जोड़ा तो किसी ने रसायन व्यवसाय से.
Source : News Nation Bureau