भारत के चंद्र मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया. भारत के मून लैंडर विक्रम के भविष्य और उसकी स्थिति के बारे में भले ही कोई जानकारी नहीं है कि यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया या सिर्फ उसका संपर्क टूट गया? विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बाद जब सवाल किया गया कि क्या लैंडर क्रैश हो गया है? इस पर इसरो के वैज्ञानिक देवी प्रसाद कार्णिक ने कहा, 'डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है. हमारे पास अभी तक कोई परिणाम नहीं है. इसमें समय लगता है, अभी कुछ भी कहना सही नहीं है.'
वहीं चंद्रयान 2 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमिताभ ने कहा, 'मिशन नाकाम नहीं हुआ है बल्कि हमे आंशिक सफलता मिली है, हम बहुत करीब पहुंचे. ऑर्बिटर लैंडर की तस्वीरें भेजेगा. ऑर्बिटर अभी भी ट्रैक पर है और डाटा भेज रहा है.'
बता दें कि चांद के बेहद करीब आकर विक्रम लैंडर (Vikram Lander)का संपर्क पृथ्वी से टूट गया. संपर्क टूटते ही इसरो में बेचैनी छा गई. हालांकि अभी उम्मीद पूरी तरह ख़त्म नहीं हुई है और हो सकता है कि बाद में लैंडर से संपर्क स्थापित हो जाए.
गौरतलब है किअगर भारत क़ामयाब होता है तो अमरीका, रूस और चीन के बाद, भारत चंद्रमा पर किसी अंतरिक्ष यान की सॉफ़्ट लैंडिंग करवाने वाला चौथा देश बन जाएगा. क्योंकि अभी उम्मीद पूरी तरह ख़त्म नहीं हुई है और हो सकता है कि बाद में लैंडर से संपर्क स्थापित हो जाए.
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वहीं चंद्रयान-2 से संपर्क टूटने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. ये कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है. देश को आप पर गर्व है. फिर से कम्युनिकेशन शुरू हुआ तो अब भी उम्मीद बची है. मेरी तरफ से वैज्ञानिकों को बधाई, आप लोगों ने विज्ञान और मानव जाति की बहुत बड़ी सेवा की है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं पूरी तरह आपके साथ हूं हिम्मत के साथ चलें.