तकनीकी कारणों से एक बार टल टुकी चंद्रयान-2 की लांच रिहर्सल सफलतापूर्वक पूरी हो गई है. रिहर्सल के दौरान सब कुछ सामान्य रहा. इसरो ने देर रात ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. पहले 15 जुलाई को चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण होना था, लेकिन इंजन के रॉकेट में सामने आई तकनीकी खामी से एक घंटा पहले ही प्रक्षेपण टाल दिया गया था. चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण चांद के दक्षिण ध्रुव पर एक रोवर उतारने के लिए सोमवार को दोपहर 2.43 बजे किया जाएगा.
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इस बार ज्यादा खर्च होगा ईंधन
इसरो और चंद्रयान-2 मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि 31 जुलाई की विंडो नहीं मिलने से प्रक्षेपण कार्यक्रम पर असर पड़ा है. यह विंडो चूक जाने से अंतरिक्ष यान को लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए अब ज्यादा ईंधन खर्च होगा. इसके साथ ही इससे चंद्रमा पर ऑर्बिटर का जीवन भी छह महीने घट सकता है. गौरतलब है कि चंद्रयान-2 मिशन भारत का स्वदेशी अंतरिक्ष मिशन है, जिसके लिए खर्च अंतरराष्ट्रीय अभियानों से कहीं कम आया है.
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6 सितंबर को चांद पर उतरेगा रोवर
इससे पहले इसरो ने 15 जुलाई को ही नोटिस टू एयरमेन जारी कर दिया था. इसमें टीम को 17 जुलाई को सुबह के 2.30 बजे से 3.30 बजे के बीच अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा 18 से 31 जुलाई तक दोपहर 2 बजे से दोपहर 3.30 बजे के बीच अलर्ट रहने को कहा गया है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार एएस किरण कुमार ने कहा कि 'चंद्रयान-2 अब 22 जुलाई को लांच के लिए तैयार है. हम 14 अगस्त को चंद्रमा की ओर बढ़ेंगे और 6 सितंबर को चंद्रमा पर उतरेंगे. सभी गतिविधियां पूरे जोरों पर हैं और हम 22 जुलाई को होने वाले कार्यक्रम के लिए तैयार हो रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- 22 जुलाई को लांचिंग होगी और चांद पर उतरेगा 6 सितंबर को.
- चंद्रयान-2 चांद के दक्षिण ध्रुव पर एक रोवर उतारेगा.
- 31 जुलाई की विंडो नहीं मिलने से अब ज्यादा ईंधन खर्च होगा.