Chandrayaan-3 Launching: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी ISRO जल्द ही अपने बहुचर्चित मिशन मून चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग करने वाला है. इसकी तारीख का हाल में ऐलान किया गया था. इसके मुताबिक चंद्रयान-3 को 13 जुलाई को उड़ान भरनी है. इसरो के इतिहास में ये दिन ऐतिहासिक होगा लेकिन इसके साथ ही एक और अनूठी लॉन्चिंग इसी होने वाला है. खास बात यह है कि इस लॉन्चिंग का गवाह श्रीहरिकोटा बनने वाला है. आइए जानते हैं चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के साथ जुड़ी वो अनूठी लॉन्चिंग क्या है?
देश के साथ-साथ दुनिया में भारत के मिशन मून यानी चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. अगले सप्ताह इस मिशन को पंख लग जाएंगे और चंद्रयान-3 लॉन्च हो जाएगा. लेकिन इसके साथ ही उसी दिन श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र यानी एसडीएससी से एक लॉन्चिंग होगी. ये लॉन्चिंग होगी एक किताब की.
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पहली रॉकेट लॉन्चपैड से किताब का होगा विमोचन
एसडीएससी के रॉकेट लॉन्चपैड से एक किताब की लॉन्चिंग की जाएगी. ऐसा पहली बार होगा जब किसी रॉकेट लॉन्चपैड से बुक का विमोचन होगा. इस किताब का नाम है प्रिज्मः द एन्सेस्ट्रेल एबोड ऑफ रेनबो. इस बुक में विज्ञान संबंधित लेखों का संग्रह शामिल है.
इस किताब को राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एवं फिल्म प्रोड्यूसर होने के साथ-साथ एक बेहतरीन लेखक विनोद मनकारा ने लिखा है. बता दें कि विनोद इससे पहले भारत के मिशन मार्स यानी मंगलयान पर भी संस्कृत में विज्ञान पर आधारित वृत्तचित्र यानम बना चुके हैं.
12 जुलाई को होगी लॉन्चिंग
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के कुछ घंटों पहले यानी 12 जुलाई को इस किताब की लॉन्चिंग की जाएगी. इस दौरान इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ इस किताब को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के डायरेक्टर एस उन्नीकृष्णन नायर को सौंपेंगे. सोमनाथ की मानें तो ये किताब पूरी तरह विज्ञान के चमत्कारों पर आधारित है. इस कुल 167 पन्नों में समेटा गया है.