दोबारा एक्टिव हो सकता है चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान. दरअसल इस बुधवार यानि 20 सितंबर को चांद पर सूर्योदय की शुरुआत हो जाएगी, जिसके बाद आज यानि शुक्रवार 22 सितंबर को चांद के साउथ पोल रीजन में शिव शक्ति पॉइंट पर स्लीप मोड में पार्क चंद्रयान-3 के लेंडर और रोवर तक रोशनी पहुंचने लगेगी, जिससे दोनों के दोबारा एक्टिव होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे इनसे फिर से कम्युनिकेशन स्थापित किया जा सकेगा.
गौरतलब है कि इसी को ध्यान में रखते हुए, इसरो यानि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 की टेक्निकल स्टेटस की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है. इसपर इसरो चीफ सोमनाथ का कहना है कि, हम सिर्फ उम्मीद कर सकते हैं. 21-22 सितंबर तक शिव शक्ति पॉइंट पर रोशनी पड़ने के बाद दोनों के एक निश्चित तापमान से ऊपर गर्म होने दिया जाएगा, जिसके बाद इसरो के कमांड सेंटर से कमांड डालकर एक्टिव करने की कोशिश की जाएगी.
ऐसे करते हैं काम...
इसरो वैज्ञानिकों के मुताबिक चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में शक्तिशाली लिथियम बैटरी का इस्तेमाल किया गया है, जो सूरज की रोशनी से चार्ज होती हैं, जिसके बाद ये उसी बिजली का उपयोग कर काम करती है.
ये होगा फायदा...
अगर चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ठीक तरह से चार्ज होकर काम करने लग जाता है, तो चांद के वायुमंडल, सतह, रसायन, भूकंप, खनिज आदि की जांच दोबारा शरू कर देगा, जिससे इसरो समेत दुनियाभर के वैज्ञानिकों को भविष्य की स्टडी के लिए काफी ज्यादा जानकारी मिलेगी. ये आगे की रिसर्च को बहुत ज्यादा आसान बनाएगा.
सूर्य के सहारे प्रज्ञान-विक्रम
मालूम हो कि चांद पर लैंडिक के बाद से ही, चंद्रयान-3 का लैंडर और रोवर चांद की सतह पर अपने मिशन का अंजाम देने के लिए सौर्य ऊर्जा का उपयोग कर रहा था. लिहाजा सूर्यास्त के बाद लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल रीजन में शिव शक्ति पॉइंट पर स्लीप मोड में पार्क कर दिए गए थे.
Source : News Nation Bureau