Chandrayaan-3 Mission : चंद्रमा के साउथ पोल की धरती पर पिछले 16 दिनों से सो रहे प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर के उठने का समय आ गया है. विक्रम और प्रज्ञान को शुक्रवार को रि-एक्टिवेट होना था, लेकिन किसी कारण बस आज नहीं जग पाया. अब चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर कब जगेंगे, इसे लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बड़ा खुलासा किया है. आपको बता दें कि इसरो ने 23 अगस्त को चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराई थी.
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चंद्रयान-3 मिशन को लेकर स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने पत्रकारों को बताया कि पहले हमारी योजना थी कि 22 सितंबर शाम तक (प्रज्ञान) रोवर और (विक्रम) लैंडर को फिर से सक्रिय करें, लेकिन कुछ कारणों से अब हम ये कल 23 सितंबर को करेंगे. लैंडर और रोवर को स्लीप मोड से निकालने फिर से सक्रिय करने की योजना है.
#WATCH चंद्रयान-3 पर स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया, "...पहले हमारी योजना थी कि 22 सितंबर शाम तक (प्रज्ञान) रोवर और (विक्रम) लैंडर को फिर से सक्रिय करें। लेकिन कुछ कारणों से अब हम ये कल 23 सितंबर को करेंगे। लैंडर और रोवर को स्लीप मोड से निकालने फिर से सक्रिय… pic.twitter.com/79tvoLTVHj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 22, 2023
आपको बता दें कि सूरज की किरणों से चलने वाले विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को 16 दिन पहले स्लीप मोड़ में डाल दिया गया था, क्योंकि चंद्रमा पर रात होने के चलते के बाद वहां का तापमान माइनस 150 से माइनस 200 डिग्री तक चला जाता है. इससे रोवर-लैंडर को नुकसान पहुंच सकता था, इसलिए बैट्री को चार्ज करके दोनों को सुला दिया गया था.
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गौरतलब है कि चांद पर चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद दुनियाभर में भारत चौथा देश और दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है. साउथ पोल की सतह पर उतरने के बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने इसरो को चंद्रमा से जुड़ी कई अहम जानकारी भेजी थी, जिसमें वहां की मिट्टी, खनिज पदार्थ, तापमान आदि शामिल थे.
Source : News Nation Bureau