Chandrayaan-3 Mission : मानवरहित चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) भारत (India) के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर स्थापित करने के लिए लॉन्च किया था. इसे लेकर इसरो ने बुधवार को एक बड़ा अपडेट बताया है. उन्होंने कहा कि इसरो (ISRO) ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की ऑर्बिट चौथी बार बदली है. चांद पर चंद्रयान-3 उतरने पर नजारा कैसा होगा? पूर्व ISRO वैज्ञानिक ने बड़ा इशारा दिया है.
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भारत ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतारने का लक्ष्य रखा है. अबतक कोई भी देश चांद की दक्षिणी ध्रुव तक नहीं पहुंच पाया है. इसरो ने आज एक ट्वीट कर चंद्रयान-3 की स्थिति के बारे में अवगत कराया है. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 चांद की 153 KM X 163 KM की करीब गोलाकार कक्षा में पहुंच गया है. इसके लिए ISRO ने सुबह कुछ समय के लिए चंद्रयान के थ्रस्टर फायर किए थे.
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चंद्रयान-3 को लेकर भारतवासियों में एक खुशी की लहर है. चंद्रयान-3 पर पद्मश्री और पूर्व इसरो वैज्ञानिक मायलस्वामी अन्नादुराई का कहना है कि जब 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा पर लैंड करेगा तब निश्चित रूप से भारत के लिए खुशी मनाने का दिन होगा. वो दिन भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन होगा. आपको बता दें कि चांद की कक्षा में 5 अगस्त को चंद्रयान-3 एंट्री कर गया है. इसके बाद चंद्रयान-3 ने इसरो को एक मैसेज भेजा था कि वह चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण एहसास कर रहा है. इस बीच चंद्रयान-3 की कैमरों से चांद की तस्वीरें भी ली गई थीं, जिसे पूरा विश्व देखा था.
Source : News Nation Bureau