Advertisment

Chandrayaan-3 mission: चांद अब दूर नहीं! LVM3 रॉकेट के साथ उड़ान भरेगा चंद्रयान-3, जानें कैसे करता है काम

ISRO ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग रिहर्सल पूरी कर ली है, ताकि लॉन्चिंग के समय कोई भी गलती की संभावना न हो. ऐसे में ये जानना भी जरूरी है कि चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में ले जाने वाला रॉकेट आखिर काम कैसे करता है.

author-image
Sourabh Dubey
एडिट
New Update
chandrayaan 3

chandrayaan-3( Photo Credit : news nation)

Advertisment

शुरू होने वाला है काउंटडाउन! ISRO ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग रिहर्सल पूरी कर ली है. इस महामिशन का सक्‍सेस प्‍लान तैयार है. आगामी 14 जुलाई यानि की शुक्रवार के दिन, पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक लम्हे की चश्मदीद होने जा रही है. चंद्रयान-3 के जरिए हमारा देश नया कीर्तिमान रचने जा रहा है. ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल भी है कि, आखिर क्यों चंद्रयान-3 का हाल चंद्रयान-2 की तरह नहीं होगा... आइये इसका जवाब जानें...

तो दरअसल चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 से कई मायनों में अलग है. भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने इस बार चंद्र मिशन में कोई चूक न हो, इसके लिए असंख्य विफलताओं को ध्यान में रखते हुए चंद्रयान-3 को तैयार किया है. इसके डिज़ाइन से लेकर, रॉकेट में डलने वाले ईंधन तक हर एक चीज पर काफी ध्यान दिया है. इस बार चंद्रयान-3 को ISRO का बाहुबली रॉकेट LVM-3 अंतरिक्ष में लेकर जा रहा है. ऐसे में आइये जानते हैं कि आखिर ये रॉकेट काम कैसे करता है और स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने के लिए इसकी जरूरत क्यों पड़ती है?

क्या है रॉकेट का काम?

चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में भेजना ही रॉकेट का काम है. दअसल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के खिंचाव के बीच, सेटेलाइट्स और अंतरिक्षयानों को अंतरिक्ष की सतह पर पहुंचाने के लिए जरूरत होती है काफी ज्यादा मात्रा में ऊर्जा की, बिना रॉकेट ऐसा करना असंभव है. आसान भाषा में समझें तो चंद्रयान-3 तो अंतरिक्ष में प्रक्षेपित यानि लाॅन्च करने के लिए रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा. यदि अंतरिक्ष यान का वजन ज्यादा होगा, तो लाजमी तौर पर ज्यादा ईंधन वाले बड़े रॉकेट को उपयोग में लाया जाएगा. 

publive-image

आइये जानें कैसे उड़ान भरता है रॉकेट

एग्जॉस्ट और थ्रस्ट के तालमेल से रॉकेट उड़ान भरता है. दरअसल आप नीचे एक तस्वीर देख रहे होंगे, जिसमें रॉकेट लॉन्च होता नजर आ रहा है. इसके साथ ही रॉकेट के नीचे बहुत सारा धुआं और आग की लपटें दिखाई दे रही है, यहीं पूरा खेल होता है. आसान भाषा में बताएं तो, होता दरअसल यूं है कि रॉकेट के इंजन से निकलने वाला धुंआ एग्जॉस्ट पैदा करता है, जिससे रॉकेट को ऊपर उठने के लिए बल मिलता है, जिसे हम थ्रस्ट कहते हैं. जब लॉन्चिंग के वक्त रॉकेट के फ्यूल को बर्न किया जाता है, तो ऐसे ही आग की लपटें, गर्म गैसें और धुआं एग्जॉस्ट बनकर इंजन से बाहर आता है, जो थ्रस्ट उत्पन्न करता है, जिससे धीरे-धीरे रॉकेट आसमान की ओर उठने लगता है. इस बीच रॉकेट को पृथ्वी के मजबूत गुरुत्वाकर्षण बल का भी सामना करना पड़ता है. 

publive-image

Source : News Nation Bureau

chandrayaan-3 chandrayaan-3-launch chandrayaan-3-launch-date isro chandrayaan 3 chandrayaan 3 mission launch date chandrayaan 3 information how does rocket works lmv 3 rocket
Advertisment
Advertisment