Advertisment

ऐतिहासिक : चंद्रयान 2 सफलतापूर्वक चंद्रमा के कक्षा में दाखिल हुआ

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍थान (इसरो) ने मंगलवार को चंद्रयान 2 को सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करा दिया.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
ऐतिहासिक : चंद्रयान 2 सफलतापूर्वक चंद्रमा के कक्षा में दाखिल हुआ

चंद्रयान 2 सफलतापूर्वक चंद्रमा के कक्षा में दाखिल हुआ

Advertisment

अंतरिक्ष में भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए चंद्रयान-2 को मंगलवार की सुबह चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि मंगलवार सुबह 8:30 से 9:30 बजे के बीच चंद्रयान-2 के तरल रॉकेट इंजन को दागकर उसे चांद की कक्षा में पहुंचाने का अभियान पूरा कर लिया गया है. चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान-2 इसरो कक्षा के अंदर स्पेसक्रॉफ्ट की दिशा में चार बार (21, 28 और 30 अगस्त को तथा 1 सितंबर को) और परिवर्तन करेगा. इसके बाद यह चंद्रमा के ध्रुव के ऊपर से गुजरकर उसके सबसे करीब - 100 किलोमीटर की दूरी के अपने अंतिम कक्षा में पहुंचेगा. इसके बाद विक्रम लैंडर 2 सितंबर को चंद्रयान-2 से अलग होकर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा.

यह अभियान इसके सबसे चुनौतीपूर्ण अभियानों में से एक था, क्योंकि अगर उपग्रह चंद्रमा (Moon) से उच्च गति वाले वेग से पहुंचता, तो वहां की सतह इसे उछाल देता, जिससे ये उपग्रह गहरे अंतरिक्ष में चला जाता. लेकिन अगर ये धीमे स्पीड से आता, तो चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण चंद्रयान 2 को खींच लेता और ये उसके सतह पर गिर सकता था.

यह भी पढ़ें : पाकिस्तान में क्यों Hit हो रही हैं JNU की शेहला राशिद, भारतीय सेना के खिलाफ किए थे झूठे Tweets

इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन ने बताया, "आप कल्पना कर सकते हैं कि एक छोटी सी गलती भी चंद्रयान 2 की चांद के साथ मुलाकात को नाकाम कर सकती है." भारत के पहले चंद्रमा मिशन चंद्रयान 1 के प्रमुख और इसरो के उपग्रह केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ एम अन्नादुरई ने इस मिशन की जटिलता के बारे में कहा, "ये मिशन उस सज्जन की तरह है, जो हाथ में गुलाब लिए एक महिला को प्रपोज कर रहा है. जो 3,600 किलोमीटर प्रति घंटे की आश्चर्यजनक स्पीड से डांस कर रही है, और वो आपके सामने नहीं है, बल्कि आपसे 3.84 लाख किलोमीटर की दूरी पर है. ऐसे में अगर मुलाकात करनी है तो आपकी सटीकता का बहुत महत्वपूर्ण है."

यह भी पढ़ें : पाकिस्‍तान की तो अब खैर नहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद ही संभाल लिया है यह मोर्चा

22 जुलाई को प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क।।।-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चांद की ओर बढ़ना शुरू किया था. बेंगलुरु के नजदीक ब्याललू में मौजूद डीप स्पेस नेटवर्क के एंटीना की मदद से बेंगलुरु स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स से इस यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. 

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

INDIA isro Moon Mission Lunar Orbit
Advertisment
Advertisment
Advertisment