चीन ने चंद्रमा से नमूने लाने के लिए मंगलवार को एक अंतरिक्ष यान (स्पसेक्राफ्ट) लॉन्च किया. यह चंद्रमा से नमूने लाने के लिए देश का पहला प्रयास है. चीन ने लॉन्ग मार्च -5 रॉकेट के जरिए चांग ई-5 अंतरिक्ष यान को हेनान के वेनचांग अंतरिक्ष यान लॉन्च स्थल से स्थानीय समयानुसार अल सुबह 4.30 बजे रवाना किया. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, चांग ई-5 चीन के एयरोस्पेस इतिहास के सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण मिशनों में से एक है, साथ ही यह चार दशकों में दुनिया का पहला मून-सैंपल मिशन है.
चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के मून एक्सपलोरेशन और अंतरिक्ष कार्यक्रम केंद्र के उप निदेशक पेई झाओयू ने कहा, 'मिशन चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा और चीन के लिए भविष्य में चांद पर मानव भेजने और गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक महत्वपूर्ण नींव रखेगा.' कह सकते हैं कि चीन से फैले कोरोना ने दुनिया को ऐसा जकड़ रखा है कि एक बड़ी आबादी घरों में कैद है और जो बाहर निकल भी रहे हैं वे फिजिकल डिस्टेंसिंग अपना रहे हैं. लेकिन चीन रॉकेट लॉन्च करने में जुटा है.
चीन को उम्मीद है कि अंतरिक्षयान एक दिन अंतरिक्षयात्रियों को लेकर स्पेस स्टेशन जाएगा जिसे इसने 2022 तक लॉन्च करने का फैसला किया है. आखिर में इन अंतरिक्षयात्रियों को चांद भेजने की योजना है. इस अंतरिक्षयान में छह यात्रियों के बैठने की क्षमता है. चीन के मानव क्षमता वाले स्पेस एजेंसी के जी कीमिंग ने कहा कि स्पेसक्राफ्ट और कैप्सूल अपनी पहली टेस्ट फ्लाइट परी कर लैंडिंग साइट में लौट आएंगे.
अमेरिका ही अब तक ऐसा देश है जिसने चांद पर इंसानों को भेजा है. इससे होड़ करने की फिराक में चीन ने स्पेस में अंतरिक्षयात्री, ऑर्बिट में सैटलाइट और मून से दूर रोवर भेजे हैं. उल्लेखनीय है कि मार्च में 7ए और अप्रैल में 3बी मॉडल का रॉकेट मिशन फेल हो गया था. इसके बाद 54 मीटर लंबा मार्च 5बी भेजा गया है जो कि 849 टन का भार ढो सकता है.
Source : News Nation Bureau