Alzheimer disease: गुस्सा, चिड़चिड़ापन और धीरे-धीरे रोजमर्रा की छोटी-छोटी चीजें भूलने की बीमारी की दवाई बनाने में 17 साल बाद चीन ने सफलता पाई है. इस दवाई को शंघाई की कंपनी ने बनाया है. दावा है यह अपने आप में पहली बार तैयार यह दवा हुई है. इस दवा को अगले महीने यानी दिसंबर से आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी. इस दवाई को वाली कंपनी ने ट्रायल के दौरान 818 मरीजों पर इस दवाई को चेक किया.बता दें कि चीन में अल्जाइमर से पीड़ित करीब 1 करोड़ लोग हैं, जो दुनिया में सर्वाधिक आंकड़ा है. जबकि दुनिया में ये संख्या 5 करोड़ से अधिक है.
बता दें अल्जाइमर्स एक अन्य बीमारी डिमेंशिया का ही एक प्रकार है. डिमेंशिया की तरह अल्जाइमर्स में भी मरीज को किसी भी वस्तु, व्यक्ति या घटना को याद रखने में परेशानी महसूस होती है और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में भी दिक्कत महसूस होती है.
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17 साल बाद भूलने की इस बीमारी पर बड़ी कामयाबी शंघाई की कंपनी ने पाई है. अल्जाइमर से लड़ने के लिए चीन ने एक दवाई को मंजूरी दी है. चीन के नेशनल मेडिकल प्रोडक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने बयान में इस दवाई ‘ओलिगोमैनेट’ नाम की इस दवाई को बाजार में उतारने की मंजूरी दी. ट्रायल के दौरान ही इस दवा ने शुरुआती 4 हफ्ते में ही मरीज पर असर दिखाना शुरू कर दिया था.
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स्थानीय एजेंसियों के मुताबिक दिसंबर से इस दवा को बाजार में उतार दिया जाएगा. गौरतलब है कि अभी दुनिया में अल्जाइमर से लड़ने के लिए कोई दवाई नहीं है, लेकिन चीन ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है. चीन की बड़ी रिसर्च कंपनियों में से एक ग्रीन वैली ने कहा है कि शुरुआत में इसे सिर्फ लोकल ही बेचा जाएगा, बाद में अमेरिका, एशिया और यूरोप के देशों में भी उपलब्ध कराया जाएगा.