आत्मनिर्भर वैज्ञानिक शक्ति बनने के लिए चीन ने अपना खाका तैयार किया है, जिसके जरिए वह अपने प्रयासों से महत्वपूर्ण रणनीतिक मुद्दों को हल करेगा और नवाचार व प्रतिभा के माध्यम से गुणवत्ता, सतत विकास प्राप्त करने की क्षमता को मजबूत करेगा. दरअसल, चीन ने अपनी 14वीं पंचवर्षीय योजना के खाका का एक बड़ा हिस्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए समर्पित किया है. वह कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम सूचना प्रौद्योगिकी, एकीकृत, जीवन विज्ञान और स्वास्थ्य, मस्तिष्क विज्ञान, एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी और गहरी पृथ्वी और महासागर की खोज के साथ-साथ अन्य अत्याधुनिक क्षेत्रों में प्रमुख अनुसंधान परियोजनाओं का शुभारंभ करेगा.
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कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की 19वीं केंद्रीय समिति के पांचवें पूर्णाधिवेशन की विज्ञप्ति, जो पिछले महीने जारी की गई थी, में साफ तौर पर कहा गया कि आधुनिक देश बनाने और विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने में चीन केंद्रीय भूमिका निभाएगा. आत्मनिर्भर वैज्ञानिक शक्ति बनने के खाका में वर्णित किया गया है कि चीन बुनियादी और अंत:विषय अनुसंधान को आगे बढ़ाएगा, नई विज्ञान पहल शुरू करेगा, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का विस्तार करेगा, और अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों और कंपनियों के बीच संसाधनों के साझाकरण और बेहतर आवंटन को प्रोत्साहित करेगा.
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इसके अलावा, वह अपने देश के प्रमुख प्रयोगशालाओं को पुनर्गठित करेगा, नए व्यापक राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र बनाएगा, और बीजिंग, शांगहाई और क्वांगतोंग-हांगकांग-मकाओ ग्रेटर बे एरिया को वैश्विक विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र बनाने पर जोर देगा. चीन अपने राष्ट्रीय एजेंडा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर खासा जोर दे रहा है. इससे संकेत मिलता है कि अपनी सामरिक मांगों को पूरा करने के लिए उसे नवाचार के उपयोग की तत्काल आवश्यकता है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण के लिए रणनीतिक सहायता प्रदान करेगी, और सुधार व खुलेपन के साथ, चीन मानव सभ्यता के विकास और मानव जाति के लिए साझा भविष्य के साथ एक समुदाय के निर्माण की सुविधा प्रदान करेगा.
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जाहिर है, चीन के लिए अगले पांच साल प्रमुख परिवर्तनकाल होगा. इस दौरान, वह पहले से कहीं अधिक अपने सामाजिक आर्थिक विकास और लोगों की आजीविका के सुधार के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर भरोसा करेगा. पिछले महीने, चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने देश की 14वीं पंचवर्षीय योजना के प्रस्तावों में विज्ञान से संबंधित मिशनों को 15 प्रमुख अनुसंधान परियोजनाओं में विभाजित किया, और उन्हें 20 विश्वविद्यालयों और संस्थानों को सौंपा. देश का अनुसंधान और विकास खर्च पिछले साल 2.21 खरब युआन (329.2 अरब डॉलर) तक पहुंच गया है, जो साल 2015 में 1.42 खरब युआन से उल्लेखनीय वृद्धि है.
बहरहाल, चीन एक नए विकासात्मक चरण में प्रवेश करेगा और देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए नवाचारों और समाधानों का सृजन करने के लिए बुनियादी अनुसंधान को बढ़ावा देगा, अधिक गुणवत्ता वाली प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करेगा, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बनाए रखेगा और देश के अनुसंधान संसाधनों और मूल्यांकन तंत्र का अनुकूलन करेगा.
Source : IANS