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चीन ने अंतरिक्ष की खोज में स्थापित किया नया मील का पत्थर

चीन ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है. वह तेजी से अपने अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देने में लगा हुआ है. हालांकि, नई चीजों की खोज करना हम मानव स्वभाव में है.

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Shailendra Kumar
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China sets new milestone in space exploration

चीन ने अंतरिक्ष की खोज में स्थापित किया नया मील का पत्थर( Photo Credit : IANS)

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आज के समय में चीन दूसरी बड़ी आर्थिक शक्ति है, और उभरती हुई अर्थव्यवस्था से बेहद आगे निकल चुका है. अब वह उन क्षेत्रों में भी अपना परचम लहरा रहा है, जिनमें अब तक अमेरिका और पश्चिमी देशों का एकाधिकार था. अब चीन ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है. वह तेजी से अपने अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देने में लगा हुआ है. हालांकि, नई चीजों की खोज करना हम मानव स्वभाव में है. बहुत से देश तो कई दशकों से अंतरिक्ष की खोज कर रहे हैं, विशेष रूप से अमेरिका, रूस, भारत और कुछ यूरोपीय देश.

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लेकिन चीन ने जो इतिहास रचा है उससे वह न केवल इस मुकाबले में आगे हो गया है, बल्कि विशेषज्ञों के मुताबिक अब चीन आने वाले वक्त में लीडर भी होगा. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चंद्रमा से एकत्र किए गए देश के पहले नमूनों को वापस लाने में चांग'अ 5 मिशन की सफलता की सराहना की. बेशक, इस सफलता पर पूरा देश गर्व कर रहा है. दरअसल, चांग'अ 5 मिशन ने कई महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की हैं, जिसमें चीन का पहला चंद्र सतह नमूनाकरण और सीलिंग, चंद्रमा से पहला लिफ्टऑफ (उड़ान भरना), चांद से नमूने लेकर वापस पृथ्वी पर लौटना आदि शामिल हैं. एक महीने से कम समय तक कई लाखों मील की यात्रा करने के बाद, चांग'अ 5 कैप्सूल चीन के भीतरी मंगोलिया में उतरा.

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देखा जाए तो चांग'अ 5 मिशन की सफलता चीन की मौजूदा चंद्र अन्वेषण परियोजना का निष्कर्ष है. चांग'अ 5 कैप्सूल के सफल पुन: प्रवेश और लैंडिंग ने चीन को अपने पहले चंद्र नमूनों को प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाया, जो चांद और ग्रह अनुसंधान के लिए एक नई शुरूआत है. इस उपलब्धि के साथ, चीन ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है. चांग'अ 5 का प्राथमिक लक्ष्य चीजों को वापस लाना था. जाहिर है, इससे चंद्रमा की स्थिति, तापमान, भौतिक सामग्री की समझ में सुधार होगा. यह जानकारी चंद्रमा को समझने के लिए महत्वपूर्ण है और आगे की खोज के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करने में मदद भी मिलेगी.

बहरहाल, कोई फर्क नहीं पड़ता कि चीन अंतरिक्ष में कितनी लंबी छलांग लगाता है. वह हमेशा अपने मूल मिशन पर कायम है, जैसे ब्रह्मांड के रहस्यों का अनावरण और अंतरिक्ष के मानवता के शांतिपूर्ण उपयोग में योगदान इत्यादि. चीन का अंतरिक्षयान चांगअ 5 प्रोब, जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर, एक एस्केंडर और एक रिटर्नर शामिल हैं, 24 नवंबर को लॉन्च किया गया था. मून लैंडर को चांद की सतह पर मॉन्स रूमकेर में उतारा गया जो चांद की ज्वालामुखी वाली पहाड़ियों के पास मौजूद एक जगह है. उसने पहले ही प्रयास में चांद से मिट्टी के नमूने लेकर धरती पर सफलतापूर्वक लौट आया.

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लैंडिंग साइट को बड़ी समझदारी से चुना गया. वैज्ञानिकों का मानना है कि नए नमूने चंद्रमा की ज्वालामुखी गतिविधि और विकास को समझने में महत्वपूर्ण अंतर को भरने में मदद कर सकते हैं. यकीनन, यह मिशन चीन की मानवयुक्त चंद्र लैंडिंग और गहराई से अंतरिक्ष की खोज के लिए आधारशिला रखेगा. इसके बाद, चीन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पता लगाने की योजना बनाई है और एक अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन के निर्माण के संयुक्त प्रयासों पर विचार कर रहा है.

खैर, कोई नहीं जानता कि भविष्य में पृथ्वी को किन जोखिमों का सामना करना पड़ेगा, और हम मानव के पास एक बैकअप ग्रह अभी तक नहीं है. प्रलयकालीन संकट जैसी समस्याओं के बारे में सोचना असहज हो सकता है. फिर भी, यह मानवता के लिए आशाजनक होगा यदि चीन सहित सक्षम और जिम्मेदार देश अंतरिक्ष अन्वेषण को बढ़ावा देते रहें.

Source : IANS

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