चीन धरती और सागर में अपनी आक्रामक विस्तार नीति के बाद अंतरिक्ष में भी तेजी से पैर पसार रहा है. उसका मकसद जल्द से जल्द अंतरिक्ष की सुपर पॉवर बनने का है. यही वजह है कि वह कई अंतरिक्ष अभियानों पर एक साथ काम कर रहा है. हाल ही में चीन ने अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन लांच किया है. इस स्टेशन को चलाने और उपकरणों को व्यवस्थित करने के लिए तीन चीनी अंतरिक्षयात्रियों का एक दल भी वहां है. अंतरिक्ष में आने वाली दिक्कतों में एक बड़ी दिक्कत होती है स्वच्छ पानी की. ऐसे में चीनी अंतरिक्ष यात्री पानी की किल्लत को दूर करने के लिए अपने ही पेशाब को फिल्टर कर पी रहे हैं.
स्पेस स्टेशन में लगाया यूरिन सिस्टम
गौरतलब है कि चीन ने अप्रैल के अंतिम हफ्ते में अपना स्पेस स्टेशन लांच किया था. चूंकि चीन का अंतरिक्ष स्टेशन अभी शुरूआती अवस्था में है, तो अंतरिक्षयात्रियों को साफ पानी की आपूर्ति करने के लिए स्वदेशी यूरिन ट्रीटमेंट सिस्टम लगाना पड़ा है. यह यूरिन ट्रीटमेंट सिस्टम छह लीटर पेशाब से पांच लीटर डिस्टिल्ड वॉटर बना सकता है. इस सिस्टम ने पिछले तीन हफ्तों में 66 लीटर पेशाब को रिसाइकिल किया है. इस तरह चीन अमेरिका के बाद दूसरा देश बन गया है जो पेशाब को फिल्टर कर अपने अंतरिक्षयात्रियों के लिए पानी जुटा रहा है. हालांकि अपनी प्रवृत्ति से मजबूर चीन ने इस सिस्टम के ऑपरेशन से जुड़ी ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं की हैं.
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अमेरिका 2009 में कर चुका है यह कारनामा
चीन से पहले अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के एस्ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष में पेशाब को फिल्टर कर पी चुके हैं. मई 2009 में अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री माइकल बैराट, जापानी अंतरिक्ष यात्री कोइची वाकाटा और स्टेशन कमांडर गेन्नेडी पाडल्का ने रिसाइकिल पेशाब को पीकर इतिहास रचा था. इस घटना को देखने के लिए ह्यूस्टन में नासा के जॉनसनस्पेस सेंटर और हंट्सविले में मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में में हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई थी. अमेरिका के वॉटर रिसाइकिलिंग सिस्टम की लागत 250 मिलियन डॉलर है. इसका उपयोग अंतरिक्ष में डेली रूटीन में पेशाब और अपशिष्ट तरल को शुद्ध करने में किया जाता है.
चीन स्पेस स्टेशन का नाम है जन्नत का महल
चीन ने अपने स्पेस स्टेशन को टियोंगॉन्ग नाम रखा है. चीनी भाषा में इसका मतलब होता है जन्नत का महल. यह मल्टीमॉडल स्पेस स्टेशन मुख्य रूप से तीन भागों से मिलकर बना होगा, जिसमें एक अंतरिक्ष कैप्सूल और दो लैब होंगी. इन सभी का कुल भार 90 मीट्रिक टन के आसपास होगा. स्पेस स्टेशन के कोर कैप्सूल का नाम तियान्हे रखा गया है, जिसका मतलब स्वर्ग का सद्भाव होता है. चीनी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह स्पेस स्टेशन 15 साल तक काम करता रहेगा. चीनी कोर कैप्सूल की लंबाई 4.2 मीटर और डायामीटर 16.6 मीटर है. इसी जगह से पूरे अंतरिक्ष स्टेशन का संचालन किया जाएगा. अंतरिक्ष यात्री इसी जगह पर रहते हुए पूरे स्पेस स्टेशन को कंट्रोल कर सकेंगे.
HIGHLIGHTS
- चीन ने अप्रैल में अपना स्पेस स्टेशन लांच किया
- यह स्पेस स्टेशन 15 साल तक काम करता रहेगा
- पानी की कमी को दूर करने के लिए लगाया सिस्टम