नासा (NASA) का खास मिशन आर्टेमिस (Artemis) आज चांद की कक्षा के लिए लिए रवाना होगा. वो लंबे समय तक चांद की कक्षा में रहेगा, फिर वापस आ जाएगा. आर्टेमिस को नासा के अब तक के सबसे मजबूत रॉकेट एसएलएस मेगारॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा. एसएलएस मेगारॉकेट की भी ये पहली आधिकारिक बड़ी उड़ान होगी. वो कई बार टेस्ट मिशन में उड़ चुका है, लेकिन पहली बार वास्तविक लॉन्चिंग में वो आर्टेमिस जैसे मिशन को लेकर धरती से रवाना हो रहा है. अब से कुछ घंटों बाद ही वो धरती से चांद की कक्षा में आर्टेमिस को पहुंचाने के लिए उड़ जाएगा.
शाम 6 बजे कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्चिंग
जानकारी के मुताबिक, नासा 29 अगस्त को अमेरिका के फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 39बी से आर्टेमिस को लॉन्च करेगी. ये लॉन्चिंग भारतीय समयानुसार शाम 6 बजे की जाएगी. जिस पर पूरी दुनिया की नजर है. इसका काउंटडाउन शुरू हो चुका है.
साल 1972 के बाद पहली बार मानव मिशन पर नासा
आर्टेमिस साल 1972 के बाद पहली बार साल 2025 में इंसानों को चांद की सतह पर ले जाएगा. साल 2025 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिशन को आर्टेमिस नाम दिया गया है, जो ग्रीक पौराणिक कथा में अपोलो की बहन थी. अपोलो मिशन (Appolo Mission) चांद की सतह पर जाने वाला पहला अंतरिक्ष यान था. अब आर्टेमिस इंसानों को 1972 के बाद चांद की सतह पर ले जाने को तैयार है. आर्टेमिस अभी की लॉन्चिंग में अपने साथ वो तमाम चीजें लेकर जा रहा है, जिनके माध्यम से धरती की चीजों का चांद की कक्षा में सर्वाइवल को जांचने का काम होगा.
HIGHLIGHTS
- चांद की कक्षा के लिए आज रवाना होगा आर्टेमिस
- चांद पर साल 1972 के बाद पहले मानव मिशन की तैयारी
- एसएलएस मेगारॉकेट पहली बार भरेगा बड़ी उड़ान