मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने अपने लिए एक महत्वाकांक्षी योजना का निर्धारण करते हुए सौर उर्जा की मदद से उर्जा संबंधी अपनी सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के बारे में विचार कर रहा है. डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक (कॉर्पोरेट संचार) अनुज दयाल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, दिल्ली मेट्रो सौर उर्जा के उत्पादन में मेट्रो के क्षेत्र में अग्रणी है.वर्तमान में यह अपने परिसर के रूफटॉप (छत पर) सौर संयंत्रों के माध्यम से 32 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है." इसके कुछ सोलर पावर प्लांट्स द्वारका सेक्टर 21, आनंद विहार, प्रगति मैदान, यमुना बैंक, यमुना बैंक डिपो, आईटीओ, अजरौंदा डिपो, बाटा चौक, एस्कॉर्ट्स मुजेसर और फरीदाबाद मेट्रो स्टेशनों पर लगाए गए हैं.
ये सोलर पावर प्लांट्स रिन्यूएबल एनर्जी सप्लाई कंपनी (आरईएससीओ) के तहत लगाए गए हैं. सोलर इंजीनियरिंग, निवेश और निर्माण (ईपीसी) मॉडल की ही तरह आरईएससीओ मॉडल एक शून्य निवेश मॉडल है, जिसमें उपभोक्ता खुद सिस्टम को अपनाता है और अपने हिसाब से निवेश करता है. आरईएससीओ या रेस्को मॉडल के तहत रेस्को डेपलपर के द्वारा ही सोलर प्लांट को खरीदा जाता है, जिसमें वह पूंजी निवेश करता है और ग्राहक केवल (जैसा कि वर्तमान में डीएमआरसी में हो रहा है. उत्पादित बिजली के लिए भुगतान करता है.
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डीएमआरसी ने 25 वर्षो के लिए बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका अर्थ है कि यह पीपीए के तहत निर्धारित स्तर की टैरिफ दरों (जो 25 साल के लिए निर्धारित है) पर उत्पन्न वास्तविक ऊर्जा के लिए केवल ऊर्जा शुल्क का भुगतान करेगा.
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उदाहरण के तौर पर, डीएमआरसी द्वारा पहले से ही मध्य प्रदेश में रेस्को मॉडल के तहत रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) से बिजली की सोर्सिग की जा रही है. आरयूएमएसएल मध्य प्रदेश के रीवा जिले में 750 मेगावाट की कुल सौर संयंत्र क्षमता वाला एक सौर ऊर्जा संयंत्र है. यह भारत और दुनिया में सबसे बड़े एकल-साइट सौर ऊर्जा संयंत्रों में से एक है. रीवा से प्राप्त बिजली को परिचालन के साथ-साथ दिल्ली मेट्रो की सहायक बिजली आवश्यकताओं के लिए उपयोग किया जाता है.
गाैरतलब है कि राजधानी दिल्ली में घटते कोरोना संक्रमण के बीच अब मेट्रो भी पूरी क्षमता से चलाने की तैयारी है. मेट्रो कोच के अंदर सभी सीटों पर बैठकर सफर करने की अनुमति मिल सकती है. आगामी सोमवार को एलजी अध्यक्षता में दिल्ली राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में इसपर अंतिम फैसला लिया जाएगा. गौरतलब है कि बस में पहले ही सभी सीट पर सफर करने की अनुमति मिल चुकी है. मालूम हो दिल्ली मेट्रो ने घटते कोरोना संक्रमण के बीच पहले ही सरकार को कोरोना के चलते लगी पाबंदियों में राहत के लिए प्रस्ताव सरकार के पास भेज चुकी है.
Source : IANS/News Nation Bureau