एसजीपीजीआईएमएस ने किया पहला रोबोटिक रेनल ट्रांसप्लांट

एसजीपीजीआईएमएस ने किया पहला रोबोटिक रेनल ट्रांसप्लांट

author-image
IANS
New Update
Doctor

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआईएमएस) के डॉक्टरों ने उत्तर प्रदेश में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी के क्षेत्र में पहला रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट किया है।

टीम को मिनिमली इनवेसिव रीनल प्रोसीजर के विशेषज्ञ राजेश अहलावत और एसजीपीजीआई के यूरोलॉजी और रेनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अनीश श्रीवास्तव ने सलाह दी, जिन्होंने कई मेडिकल कॉलेजों में किडनी ट्रांसप्लांट करने वाली टीमों को सलाह दी है।

गुर्दा प्रत्यारोपण बाराबंकी की एक 42 वर्षीय महिला रोगी पर किया गया था, जिसे नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर नारायण प्रसाद द्वारा अंतिम चरण के गुर्दे की बीमारी का निदान किया गया था।

प्रसाद ने कहा, वह अप्रैल 2019 से मेंटेनेंस हेमोडायलिसिस पर थी। उसकी मां उसे एक किडनी दान करने के लिए तैयार हो गई थी। उसने इम्यूनोलॉजिकल मैचिंग के लिए एबीओ संगत रीनल ट्रांसप्लांट के लिए काम किया, जिसके बाद प्रत्यारोपण सर्जरी की योजना बनाई गई।

जब प्रत्यारोपण की सिफारिश की गई, तो श्रीवास्तव ने रोगी को रोबोटिक विकल्प के बारे में बताया, जिसके लिए परिवार सहमत था।

उन्होंने कहा, रोगी स्थिर है। इस प्रक्रिया ने गुर्दा प्रत्यारोपण चाहने वालों के लिए अवसर की एक खिड़की खोल दी है, खासकर जो अधिक वजन वाले हैं।

इस उपलब्धि ने लखनऊ को ऐसी सर्जरी करने वाले देश के कुछ केंद्रों की लीग में डाल दिया है।

संस्थान ने 2019 में एक मेडिकल रोबोट खरीदा था, और पिछले दो वर्षों में 200 से अधिक रोबोटिक सर्जरी की गई है।

उन्होंने समझाया, रोबोटिक सर्जरी का मतलब है छोटा चीरा; यह रोगी प्रबंधन को आसान बनाता है और प्रक्रिया के बाद कम देखभाल करता है। इसका मतलब है कि अस्पताल में कम रहने से संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment