पृथ्‍वी के विनाश का कारण बनेगा भूकंप, वैज्ञानिकों ने बताई यह वजह

पिछले 2 दशक से दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों में भूकंप (Earthquake)की घटनाएं अब बढ़ गईं हैं. इसमें कम तीव्रता के साथ-साथ अब 7 और इससे ज्‍यादा तीव्रता के भूकंप की घटनाओं में इजाफा हुआ है.

author-image
Drigraj Madheshia
एडिट
New Update
पृथ्‍वी के विनाश का कारण बनेगा भूकंप, वैज्ञानिकों ने बताई यह वजह

2001 में गुजरात में भूकंप ने मचाई थी तबाही (File)

Advertisment

पिछले 2 दशक से दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों में भूकंप (Earthquake)की घटनाएं अब बढ़ गईं हैं. इसमें कम तीव्रता के साथ-साथ अब 7 और इससे ज्‍यादा तीव्रता के भूकंप की घटनाओं में इजाफा हुआ है. इसकी वजह चंद्रमा का पृथ्‍वी से दूर जाना बताई जा रही है. बता दें पृथ्‍वी अपनी धुरी पर 1,670 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूम रही है. एक अध्ययन के मुताबिक, पृथ्‍वी के अपनी धुरी पर घूमने की रफ्तार धीमी हो रही है, जिससे चंद्रमा इससे धीरे-धीरे दूर होता जा रहा है. नासा (NASA)के वैज्ञानिकों का मानना है कि यह घटना बड़े भूकंपों की वजह बन सकती है. शायद यही वजह है कि इधर कई सालों से भूकंप (Earthquake)की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. बता दें दुनिया का सबसे खतरनाक भूकंप (Earthquake)चीन में 1556 में आया था. इसमें करीब 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी. जबकि इससे भी ज्‍यादा लोग घायल हुए थे. भूकंप (Earthquake)चीन के सांक्सी प्रांत में आया था.

नासा (NASA)के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के सोलर सिस्टम के एम्बेस्डर मैथ्यू फुन्के ने कहा है कि चंद्रमा का गुरु त्वाकर्षण पृथ्वी पर एक ज्वारीय उभार बनाता है. यह उभार भी धरती की घूर्णन गति से घूमने का प्रयास करता है. नतीजतन धरती की अपनी धुरी पर घूमने की रफ्तार सुस्त पड़ जाती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती की घूर्णन गति सुस्त पड़ने से भूकंपीय घटनाएं बढ़ जाती है.

यह भी पढ़ेंः कई राज्यों में भूकंप के झटकों से दहशत, देर रात से शुरू झटके सुबह तक जारी रहे

अध्ययन के मुताबिक, चंद्रमा हर साल लगभग डेढ़ इंच आगे बढ़ रहा है. इससे धरती पर भविष्य में बड़े भूकंप (Earthquake)आ सकते हैं. इस पर मोंटाना यूनिवर्सिटी (University of Montana) के रेबेक्का बेंडिक (Rebecca Bendick) और कोलोराडो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक रोजर बिल्हम ने अपने अध्ययन में पाया कि सन् 1900 के बाद से 7 से अधिक की तीव्रता वाले भूकंपों में इजाफा हुआ है.

यह भी पढ़ेंः चंद्रयान-2: भारत को चांद पर पहुंचने के मिशन में आपके जेब से केवल 4 रुपए 64 पैसे निकले

20वीं सदी के अंतिम 5 वर्षों में जब धरती की घूर्णन गति में थोड़ी कमी देखी गई तब 7 से अधिक के तीव्रता के भूकंपों की संख्या अधिक थी. वैज्ञानिकों ने इस दौरान हर साल 25 से 30 तेज भूकंप (Earthquake)दर्ज किए, इनमें औसतन 15 बड़े भूकंप (Earthquake)थे.

यह भी पढ़ेंः चांद के बाद अब इसरो की नजर सूरज पर, जानिए क्‍या है मिशन का नाम

वैज्ञानिकों की मानें तो बीते कुछ दशकों में पृथ्वी का चुंबकीय उत्तरी ध्रुव इतनी तेजी से खिसका है कि पूर्व में लगाए गए अनुमान अब जलमार्ग के लिए सही नहीं बैठ रहे हैं. इससे जलमार्ग के जरिए यातायात में समस्‍याएं आ रही हैं. कॉलाराडो यूनिवर्सिटी के भूभौतिक विज्ञानी एवं नए वर्ल्ड मैगनेटिक मॉडल के प्रमुख शोधकर्ता अर्नोड चुलियट ने बताया कि इस बदलाव की वजह से स्मार्टफोन और उपभोक्ता के इस्तेमाल वाले कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स कंपासों में समस्या आ रही है.

...तो खत्म हो जाएगी धरती से इंसानों की आबादी

इससे पहले लंदन के वैज्ञानिक माइकल स्टीवंस ने अपने अध्ययन में पाया था कि धरती यदि एकाएक घूमना बंद का वातावरण गतिमान बना रहेगा. हवा 1,670 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी. यह तूफानी हवा रास्ते में आने वाली हर चीज को ध्वस्त करती चली जाएगी. मनुष्य किसी बंदूक की गोली की रफ्तार से एक दूसरे से टकराएंगे.

यह भी पढ़ेंः Chandrayaan-2 Launch : सोने की परत में लपेटे जाते हैं सैटेलाइट, ये है बड़ी वजह

इसके साथ ही पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र समाप्त हो जाएगा. समुद्रों का पानी एकाएक उछलने से बाढ़ की स्थिति होगी. पृथ्वी पर आधे साल दिन रहेगा और आधे साल रात रहेगी. इससे धरती पर इंसानों की आबादी खत्म हो जाएगी. हालांकि, नासा (NASA)वैज्ञानिकों की मानें तो कई अरब साल तक ऐसी घटना होने की कोई आशंका नहीं है.

भूकंप (Earthquake)की कुछ बड़ी घटनाएं

  • दुनिया का सबसे खतरनाक भूकंप (Earthquake)चीन में 1556 में आया था. इसमें करीब 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी. जबकि इससे भी ज्‍यादा लोग घायल हुए थे. भूकंप (Earthquake)चीन के सांक्सी प्रांत में आया था.
  • 1 सितंबर 1923 को जापान के टोक्यो में आया भूकंप (Earthquake)भी काफी विनाशकारी था. भूकंप (Earthquake)के कारण करीब 1 लाख 43 हजार लोगों की जान चली गयी थी
  • 1934 में नेपाल और उत्तरी बिहार में 8.0 तीव्रता का भूकंप (Earthquake)आया था, जिसमें 10 हजार 6 सौ जानें गई थीं.
  • 22 मई 1960 को चिली में रिक्टर स्केल पर 9.5 तीव्रता वाले भूकंप (Earthquake)के कारण सुनामी आई. जिसे दक्षिणी चिली, हवाई द्वीप, जापान, फिलीपींस, पूर्वी न्यूजीलैंड, दक्षिण-पूर्व ऑस्ट्रेलिया समेत कई और देशों में भयानक तबाही मची.

यह भी पढ़ेंः आपका जीवन खतरे में, तबाह होने से बच गई पृथ्‍वी, 3 क्षुद्रग्रह (Asteroid) टकराते-टकराते से रह गए

  • 28 जुलाई 1976 को चीन के तांगशान शहर में आया भूकंप (Earthquake)भी काफी विनाशकारी था. 7.8 तीव्रता वाले भूकंप (Earthquake)की वजह से चीन का तांगशान शहर पूरी तरह बरबाद हो गया. भूकंप (Earthquake)के कारण 5 लाख से अधिक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था.
  • 2001 में गुजरात में आया भूकंप (Earthquake)तो आपको याद ही होगा, जिसमें 20 हजार लोगों की मौत हो गई थी
  • 26 दिसंबर 2004 को 9.1 तीव्रता भूकंप (Earthquake)के बाद आई सुनामी में लगभग 2 लाख 30 हजार लोगों की मौत हो गई थी.
  • 25 अप्रैल 2015 को नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप (Earthquake)आया था. इस विनाशकारी भूकंप (Earthquake)के कारण 9 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे, और 23 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

Source : DRIGRAJ MADHESHIA

Roger Bilham frequent earthquakes Earth’s rotation down Moon moves slowly away changes in the Earth’s core Moon’s gravity tidal bulge on the Earth
Advertisment
Advertisment
Advertisment