NASA के इस अंतरिक्षयान को सूरज की धधकती किरणें भी नहीं पहुंचा सकीं नुकसान

इस प्रोब ने अब तक अनछुए रह चुके सूरज के वातावरण (कोरोना) में गोता लगाया. नासा के वैज्ञानिकों ने बुधवार को अमेरिकी जियोफिजिकल यूनियन की बैठक के दौरान इस शानदार उपलब्धि का ऐलान किया.

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Pradeep Singh
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द पार्कर सोलर प्रोब,नासा का अंतर‍िक्षयान( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने असंभव को संभव कर दिखाया है. इतिहास में पहली बार किसी अंतरिक्ष यान ने सूर्य के कोरोना को छुआ है. जिसका वातावरण करीब 20 लाख डिग्री फारेनहाइट रहता है. इसे सोलर विज्ञान और अंतरिक्ष की दुनिया में नासा के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है. ये एक ऐसी उपलब्धि है, जिसे अभी तक विज्ञान की दुनिया में असंभव माना जा रहा था. लेकिन अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इस असंभव को संभव कर समूची दुनिया को चमत्कृत कर दिया है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने  इतिहास रच दिया है. नासा के अंतर‍िक्षयान द पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) सूरज को छूने वाला दुनिया का पहला अंतरिक्षयान बन गया है. 

इस प्रोब ने अब तक अनछुए रह चुके सूरज के वातावरण (कोरोना) में गोता लगाया. नासा के वैज्ञानिकों ने बुधवार को अमेरिकी जियोफिजिकल यूनियन की बैठक के दौरान इस शानदार उपलब्धि का ऐलान किया. पार्कर सोलर प्रोब अप्रैल महीने में सूरज के पास से अपनी 8वीं यात्रा के दौरान कोरोना से होकर गुजरा था.

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पार्कर सोलर प्रोब ने 28 अप्रैल को सूर्य के ऊपरी वायुमंडल कोरोना में सफलतापूर्वक प्रवेश किया और उड़ान भरी. फिर उसने आग के गोले की सतह पर स्थित कणों और चुंबकीय क्षेत्रों का नमूना लिया. ये सफलता हार्वर्ड एंड स्मिथसोनियन में सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के सदस्यों सहित वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के बड़े स्तर पर किए गए सहयोग के कारण संभव हो सकी है. इन्होंने प्रोब में लगे एक महत्वपूर्ण उपकरण सोलर प्रोब कप का निर्माण किया और फिर उसकी निगरानी की. 

आपको बता दें कि सूर्य के वायुमंडल जिसे कोरोना भी कहा जाता है का तापमान लगभग 11 लाख डिग्री सेल्सियस (करीब 20 लाख डिग्री फारहेनहाइट) है. इतनी गर्मी कुछ ही सेकंड्स में पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी पदार्थों को पिघला सकती है. इसलिए वैज्ञानिकों ने स्पेसक्राफ्ट में खास तकनीक वाली हीट शील्ड्स लगाई, जो कि लाखों डिग्री के तापमान में भी अंतरिक्ष यान को सूर्य के ताप से बचाने का काम कर सकती थी. 

हालांकि, प्रोब के कप में किसी तरह की हीट शील्ड नहीं लगाई गई है, ताकि इसमें सूर्य से इकट्ठा होने वाली जानकारी बिल्कुल सटीक और स्पष्ट हो. ऐसे में इस उपकरण को उच्च गलनांक वाले पदार्थ जैसे- टंगस्टन, नियोबियम, मॉलिबिडनम और सैफायर की मिलावट से तैयार किया गया है. 

HIGHLIGHTS

  • सूर्य को छूने वाला अंतरिक्षयान बनाकर नासा ने रचा इतिहास
  • सूर्य के वायुमंडल को कोरोना भी कहा जाता है
  • पार्कर सोलर प्रोब अप्रैल महीने में सूरज के पास से की अपनी 8वीं यात्रा 
NASA spacecraft Parker Solar Probe blazing rays of the sun
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