पेट्रोल के दिनों दिन बढ़ते दाम और प्रदूषण को देखते हुए. सागर के एक युवा इंजीनियर ने 29 साल पुराने स्कूटर को ई-स्कूटर में बदल दिया. जिसमें ना तो पेट्रोल की जरूरत पड़ती है और ना ही बार बार उसे चार्ज करने की जरूरत. हिमांशु के दादा ने 29 साल पहले स्कूटर एक स्कूटर खरीदा था जो बंद हालत में घर में रखा हुआ था. पेट्रोल के बढ़ते दाम को देखते हुए. इंजीनियर हिमांशु ने दादा के पुराने स्कूटर को ई-स्कूटर में बदल दिया. ये ई-स्कूटर एक बार चार्ज होने पर 15 दिन तक चलता है. इस ई-स्कूटर ऑटोमेटिक चार्जर भी है यह जितना चलेगा उतना ही ज्यादा चार्ज होगा.
देश में दिनों ब दिन बढ़ते पेट्रोल के दाम और पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए सागर के युवा इंजीनियर हिमांशु भाई पटेल ने दादा के 29 साल पुराने स्कूटर को ई-स्कूटर में बदल दिया है. घर में बंद रखें स्कूटर का अब फिर से उपयोग होने लगा है. सागर मकरोनिया के पद्माकर नगर में रहने वाले 18 साल के इंजीनियर हिमांशु भाई पटेल ने 29 साल पुरानी स्कूटर को ई-स्कूटर में बदल डाला है. आपको बता दें कि इस स्कूटर में ना तो पेट्रोल की जरूरत पड़ती है और ना ही बार-बार चार्जिंग की. आपने एक बार स्कूटर की बैटरी को चार्ज करने पर यह सैकड़ों किलोमीटर चल जाता है. ई-स्कूटर में ऑटोमेटिक चार्जर लगा है इसे आप जितना चलाएंगे यह उतना और चलेगा और चार्ज होता रहेगा.
हिमांशु ने ऐसे बनाया पुराने व्हीकल से ई-स्कूटर
साल 1991 में हिमांशु के दादा ईश्वर भाई पटेल ने यह स्कूटर खरीदा था. जो वर्तमान में बंद हालत में घर में रखा हुआ था. इजीनियर हिमांशु 18 साल के हैं. वर्तमान में गुजरात में एक पॉलिटेक्निक कालेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. हिमांशु सेकंड ईयर के स्टूडेंट है और इस ई-स्कूटर को हिमांशु ने अपने हाथों से घर पर ही तैयार किया है. ई-स्कूटर आटो चार्ज है. पेट्रोल टैंक की जगह बैटरी लगाई है और डिग्गी में कंट्रोलर लगाया हुआ है. स्कूटर में एमसीबी बॉक्स भी लगाया गया है.जिसमें किसी भी प्रकार का फाल्ट आने पर वह तुरंत ही इंडिकेट करने लगेगा. ई-स्कूटर में गियर लगाते ही स्टार्ट होकर चलने लगता है.
पेट्रोल की बढ़ती महंगाई को मुंहतोड़ जवाब
देश में पेट्रोल की बढ़ती महंगाई को देखकर हर कोई इससे निजात पाना चाहता है. ऐसे में हिमांशु का यह चमात्कारिक आविष्कार देश वासियों के काम आ सकता है. इंजीनियर हिमांशु भाई पटेल ने बताया यह मेरे दादाजी का 29 पुराना पुराना स्कूटर है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल की बढ़ती महंगाई को देखते हुए मैंने इस नए आविष्कार के बारे में सोचा और इस पर काम किया परिणाम आप सबके सामने है. हिमांशु ने बताया कि इसमें पेट्रोल टैंक को निकालकर मैंने उसकी जगह बैट्री लगा दी है. वहीं साइड की डिक्की में मैंने इसका कंट्रोलर फिट किया है अगर कोई शार्ट सर्किट वगैरह होता है तो व्हीकल ऑटोमेटिक ऑफ हो जाता है. हिमांशु ने बताया कि स्कूटर को बार-बार की चार्जिंग की जरूरत है और ना तो पेट्रोल की. ये ऑटोमेटिक चार्ज होगा.
जितना चलेगा उतना ही चार्ज होगा स्कूटर
हिमांशु ने बताया कि ये स्कूटर जितना चलेगा उतना ही ज्यादा चार्ज होगा. ये स्कूटर बिना शोर मचाए और बिना किसी प्रदूषण के आराम से अपने चलता रहता है. उन्होंने बताया कि हम इसे बिना किसी परेशानी के कहीं भी लेकर जा सकते हैं. हिमांशु अभी इंजीनियरिंग दूसरे वर्ष के छात्र हैं वो गुजरात के वीपीएमपी पॉलिटेक्निक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई कर रहे हैं. इंजीनियर हिमांशु के दादा ईश्वर भाई पटेल ने बताया की ये स्कूटर उन्होंने साल 1991 में खरीदा था. उन्होंने बताया कि कुछ दिन तो हम लोग ने खूब चलाया लेकिन पिछले सात-आठ साल से ये बंद पड़ा था. उन्होंने बताया कि जब उनके पोते ने इसे देखा तो इसे इलेक्ट्रिक बनाने का आइडिया आया और मैंने उसे अनुमति दे दी.
HIGHLIGHTS
- दादा के पुराने स्कूटर को बनाया ई-स्कूटर
- जितना चलाएंगे स्कूटर उतना ही चार्ज होगा
- 7-8 साल से बंद बड़े स्कूटर पर किया सफल प्रयोग