फेसबुक (Facebook) ने चेहरे पहचानने की प्रणाली (Face Recognition System) को बंद करने का ऐलान किया है. फेसबुक का कहना है कि कंपनी 1 अरब से भी अधिक लोगों के फेसप्रिंट को डिलीट करने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फेसबुक की नई पैरेंट (होल्डिंग) कंपनी मेटा में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट के उप प्रमुख जेरोम पेसेंटी का कहना है कि टेक्नोलॉजी के इतिहास में चेहरा पहचानने के उपयोग की दिशा में यह कदम बड़ा बदलाव साबित होगा. उन्होंने कहा कि फेसबुक के सक्रिय यूजर्स में से एक तिहाई से अधिक लोगों ने चेहरे पहचानने की सेटिंग को स्वीकार किया है. साथ ही यूजर्स पहचान करने में सफल भी रहे हैं. यही वजह है कि 1 अरब से भी अधिक लोगों के चेहरे पहचानने के टेम्पेलेट को डिलीट कर दिया जाएगा.
फेसबुक ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि फेसबुक के डेली एक्टिव यूजर्स में से एक तिहाई से अधिक या 600 मिलियन से ज्यादा अकाउंट्स फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं. पोस्ट के मुताबिक फेसबुक अब फोटो या वीडियो में ऑटोमैटिकली लोगों के चेहरों को पहचान नहीं सकेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए बदलाव से ऑटोमैटिक ऑल्ट टेक्स्ट टेक्नोलॉजी पर असर पड़ सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी की ओर से Face Recognition सिस्टम का इस्तेमाल ब्लाइंड लोगों को इमेज डिस्क्राइब करने के लिए किया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी का कहना है कि सोसायटी में फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को लेकर कई चिंताएं उठ रही हैं.
HIGHLIGHTS
- 1 अरब से अधिक लोगों के चेहरे पहचानने के टेम्पेलेट को डिलीट कर दिया जाएगा
- नए बदलाव से ऑटोमैटिक ऑल्ट टेक्स्ट टेक्नोलॉजी पर असर पड़ सकता है