विश्व-विख्यात जाने-माने इसरो के पूर्व चेयरमैन और वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्रा राव (यू आर राव) का निधन हो गया। वह 85 साल के थे। यू आर राव ने रविवार रात करीब 2.30 बजे अंतिम सांस ली। वो दिल की बीमारी से ग्रस्त थे और साल के शुरु में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इसरो के पूर्व चेयरमेन यू आर राव फिलहार फिजिकल रिसर्च लेबोर्ट्री की गवर्निंग काउंसिल के चेयरमेन के पद पर कार्यरत थे और तिरुवंतपुरम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और टेक्नोलॉजी के चांसलर भी थे। राव ने कई महत्वपूर्ण पदों की ज़िम्मेदारी संभाली थी जिसमें विदेशी यूनिवर्सिटी की कमान भी शामिल है।
ISRO के पूर्व चेयरमैन के कस्तूरीरंगन बने नई शिक्षा नीति पर बने पैनल के अध्यक्ष
यू आर राव को 10 अंतर्राष्ट्रीय अवॉर्ड और कई राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा गया था। इस साल उन्हें वर्ष पद्म विभूषण प्रदान किया गया था। सतीश धवन के बाद, यू आर राव ने सबसे लंबे वक्त करीब 10 साल 1984-1994 के बीच इसरो के अध्यक्ष के तौर पर काम किया था।
उदुपी के आदमपुर गांव में जन्मे यू आर राव लगातार भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में जुड़े रहे और उन्होंने एमजेके मेनन, सतीश धवन और विक्रम साराभाई जैसे महान वैज्ञानिकों के साथ काम किया था। एमजेके मेनन का भी हाल ही में निधन हुआ है।
इसरो के पूर्व चेयरमैन यू आर राव के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दु:ख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'प्रसिद्ध वैज्ञानिक, प्रोफेसर यू आर राव के निधन से दुखी हूं, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में उनका उल्लेखनीय योगदान कभी भी भुलाया नहीं जाएगा।'
खेल से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Source : News Nation Bureau