प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जब आत्मनिर्भर भारत (Aatmnirbhar Bharat) की बात कही तब संकेत बॉयकॉट चीन (China) का भी था, यही वजह है कि इन दिनों भारत में चीनी हार्डवेयर और चीनी सॉफ्टवेयर के खिलाफ जनाक्रोश है. इसी के चलते पहले टिकटॉक (Tik Tok) के महत्व को कम करने के लिए मित्रों ऐप (Mitron App) बनी और उसके बाद राजस्थान की जयपुर की एक कंपनी वन टच ऐप लैब ने एक सॉफ्टवेयर बनाया, जिसका नाम दिया गया रिमूव चाइना ऐप. महज चंद दिनों के अंदर इसके 50 लाख से ज्यादा डाउनलोड हो गए. इसकी मदद से भारतीयों ने चीनी सॉफ्टवेयर को अपने स्मार्टफोन से डिलीट करना शुरू कर दिया इसका. जिसका असर यह पड़ा कि गूगल (Google) ने ही रिमूव चाइना ऐप और मित्रों को अपने एप्लीकेशन टूर से हटा दिया. जानकार इसके पीछे 90 फ़ीसदी स्मार्टफोन को सॉफ्टवेयर देने वाले गूगल एंड्राइड पर चीन का दबाव मानते हैं.
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चीन पर पहले से लग चुके हैं टिक टॉक के जरिए खुफिया जानकारी जुटाने के आरोप
बता दें कि टिक टॉक के द्वारा खुफिया जानकारी जुटाने के आरोप चीन पर पहले से लग चुके हैं. पिछले साल 17 जून 2019 को खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने गूगल पर चीन के दबाव को लेकर जांच की बात कही थी. चीन भी इस बात को अच्छी तरह से समझता है कि अगर भारत के टेक यूजर उसके सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे तो आर्थिक मोर्चे पर उसे 70 बिलियन डॉलर से ज्यादा नुकसान हो सकता है. जो पाकिस्तान और चीन के बीच चल रहे सीपैक कॉरिडोर से भी कहीं बड़ी रकम है.
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गूगल पर चीन के दबाव की कहानी यहीं नहीं रुकती. जब टिक टॉक के ऊपर बहुत से भारतीयों की नेगेटिव रेटिंग की बौछार हुई तो, टिक टॉक एप्लीकेशन की रेटिंग 1.2 तक पहुंच गई थी, लेकिन गूगल ने 80 लाख लोगों की रेटिंग को डिलीट कर दिया और फिर से टिक टॉक की रेटिंग 4.4 पहुंच गई है, हालांकि गूगल कि इसके पीछे अपनी दलील है कि मित्रों एप्लीकेशन का सोर्स कोड पाकिस्तान का बताया जाता है. डिलीट चाइना ऐप को यह कहकर डिलीट कर दिया गया कि वह थर्ड पार्टी एप्लीकेशन के खिलाफ है, टिक टॉक को लेकर भी इसी तरह की दलील दिए गए, लेकिन क्या यह सभी दलील आपके गले उतर रही है?
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गूगल हो या चीन, दोनों को हिंदुस्तान का इतिहास फिर से पढ़ना चाहिए। जिस मुल्क ने गुलाम रहते हुए ब्रिटिश राज में अंग्रेजों की वस्तुओं की होली खेली हो, वह स्वाधीन होने के बाद क्या किसी के दबाव में बॉयकॉट पर ब्रेक लगा सकते हैं ? यह आजाद भारत का आत्मनिर्भर अभियान है जो किसी के रोके नहीं रुकेगा.