कुछ दिन पहले ही भारत ने अंतरिक्ष में एक उपग्रह को एंटी सेटेलाइट मिसाइल (ASAT) से नष्ट कर दिया था. उस उपग्रह का मलबा अंतरिक्ष में ही मंडरा रहा है. उम्मीद है कि इस उपग्रह का मलबा इस साल के अंत तक अंतरिक्ष में ही रहेगा जब तक कि अंतत: वो पृथ्वी पर आकर नहीं गिर जाता है. इसी पर एक खबर सामने आई थी जब इजराइली स्पेसक्राफ्ट बेर्सेट ने मंगल पर "टार्डिग्रेड्स" के साथ कब्जा करने के लिए सोचा था.
फिर भी, यह अभी तक एक रहस्य बना हुआ है कि क्या ये "टार्डिग्रेड्स" (tardigrades) चंद्रमा की सतह को पुन: उत्पन्न और आबाद कर सकते हैं या नहीं।
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मिशन शक्ति, एक एंटी सेटेलाइट मिशन था जिसकी कोई भी डिटेल सार्वजनिक नहीं की गई थी और इस बात का पता मिशन के पूरा होने के बाद चला था. पृथ्वी की कक्षा से 300 किलोमीटर दूूूरी पर खराब पड़े एक उपग्रह को हमने बस 3 मिनट में ध्वस्त कर दिया था। यह उपलब्धि इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन ने हासिल की थी.
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अब ये मलबा नए भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यानों या अंतरिक्ष में पहले से उपस्थित सेटेलाइट से टकरा सकता है. इस उपग्रह के मलबे की गति काफी तेज है और अंतरिक्ष में ये इधर-उधर बिखरे पड़े हैं. इसके अलावा नए भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यानों से टकराने की संभावना बनती है. ये मलबा धरती के बाहरी कक्षा में हजारों मील प्रति घंटे से गिर रहा है या यूं समझें की पृथ्वी की ओर आ रहा है.
अगर ये मलबा किसी उपग्रह से टकराता है तो संभावना है कि इस टकराव से उपग्रह को काफी नुकसान पहुंचेगा और इसका इंपैक्ट ये भी हो सकता है कि वो उपग्रह काम करना बंद कर दे.
HIGHLIGHTS
- ASAT द्वारा लो ऑर्बिट पर नष्ट किए गए सेटेलाइट का मलबा बना सरदर्द.
- ASAT ने 300 मिनट की कम पृथ्वी की कक्षा में एक निरर्थक उपग्रह को तीन मिनट के मामले में ध्वस्त कर दिया गया था.
- अब इसका मलबा अंतरिक्ष में हजारों मील प्रति घंटे की रफ्तार से इधर-उधर बिखर रहा है.