चंद्रयान-3 अपनी सफल यात्रा की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. 5 अगस्त को यह चंद्रमा की परिक्रमा करने वाली कक्षा में प्रवेश करने का प्रयास करेगा. इसरो ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर चुका है. चंद्रयान-3 के ऑर्बिट में प्रवेश का समय 5 अगस्त शाम लगभग 7 बजे तय किया गया है. 1 अगस्त की शुरुआत में, अंतरिक्ष यान ने ट्रांस-लूनर इंजेक्शन के माध्यम से 228 किमी x 3.7 लाख किमी की कक्षा हासिल की और चंद्रमा के प्रभाव में इंटर किया.
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चंद्रमा की प्रभावित क्षेत्र में एंट्री करेगा
पृथ्वी की कक्षा से घूमने की प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 को चंद्रमा की ओर भेजे जाने के कुछ घंटों बाद भी इसरो ने बताया कि यान सामान्य रूप से चल रहा है. एजेंसी ने आगे बताया कि अंतरिक्ष केंद्र से वैज्ञानिकों द्वारा अंतरिक्ष यान को अगली कक्षा में धकेलने का कार्य सफलतापूर्वक किया गया. यह प्रक्रिया तब पूरी हुई जब अंतरिक्ष यान पृथ्वी के सबसे निकट था. इस प्रक्रिया के तहत अंतरिक्ष यान को ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित किया गया, जिसमें वह चंद्रमा के प्रभाव क्षेत्र में एंट्री करेगा.
सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश में दिन-रात एक
इसरो का पूरा फोकस है कि इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देना है. इसमें कोई गलती स्वीकार नहीं है. एजेंसी ने बताया कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' करने की कोशिश करेगा. इससे पहले ही चंद्रयान-3 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद से ही इसे कक्षा में स्थापित करने की प्रक्रिया में सफल रहा है. अगर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में कामयाब होता है तो भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा और एक बार फिर दुनिया का नेतृत्व इसरो की ताकत से होगा.
Source : News Nation Bureau