Scam Through AI : एआई (Artifical Intelligence) तकनीक में तेजी से हो रहे विकास ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही स्कैम और धोखाधड़ी के नए तरीके भी उभर रहे हैं. एआई का उपयोग कर स्कैम कैसे हो सकता है? ये जानना बेहद ही जरुरी है क्योंकि अब तक एआई के मदद से कई लोग इसका शिकार हो चुके हैं. हम इस खबर में जानेंगे कि आखिर स्कैम करने वाले अपराधी कैसे एआई के यूज करके स्कैम करने में सफल हो रहे हैं.
1. फिशिंग (Phishing)
एआई आधारित फिशिंग हमलों में साइबर अपराधी ईमेल, मैसेज, या सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से लोगों को धोखा देकर उनकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स, और बैंक अकाउंट नंबर प्राप्त करते हैं. एआई का उपयोग कर बनाए गए फिशिंग मेसेज बहुत ही रियलिस्टिक और विश्वसनीय दिखाई देते हैं, जिससे लोग आसानी से धोखा खा सकते हैं.
2. डीपफेक (Deepfake)
डीपफेक तकनीक का उपयोग कर अपराधी किसी भी व्यक्ति के चेहरे और आवाज को नकली वीडियो और ऑडियो में बदल सकते हैं. ये वीडियो इतने बेस्ट होते हैं कि वास्तविक और नकली में अंतर कर पाना मुश्किल हो जाता है. डीपफेक का उपयोग कर अपराधी किसी व्यक्ति को बदनाम करने, ब्लैकमेल करने या फर्जी जानकारी फैलाने के लिए कर सकते हैं. हाल ही में आपने देखा होगा कि कई बडे़ हस्तियों के डीपफेक वीडियो सामने है, जो अपने आप में हैरान करने वाला था. एक पल के लिए लोगों को लगा कि ये रियल वीडियो है.
3. सोशल इंजीनियरिंग (Social Engineering)
एआई का उपयोग कर अपराधी सोशल इंजीनियरिंग हमलों में मानव मनोविज्ञान और व्यवहार को समझकर उन्हें धोखा देते हैं. यह हमले अक्सर सोशल मीडिया प्रोफाइल, ईमेल, या फोन कॉल के माध्यम से किए जाते हैं. उदाहरण के लिए, अपराधी किसी व्यक्ति के दोस्तों या परिवार के सदस्यों का प्रोफाइल बनाकर उनसे पैसे या संवेदनशील जानकारी मांग सकते हैं.
4. बॉट्स (Bots)
एआई आधारित बॉट्स का उपयोग कर साइबर अपराधी स्वचालित स्कैम अभियान चला सकते हैं. ये बॉट्स हजारों लोगों को एक साथ स्पैम ईमेल, मैसेज या कॉल भेज सकते हैं. बॉट्स का उपयोग कर फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट बनाए जा सकते हैं, जो लोगों को धोखा देने के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं.
5. रैंसमवेयर (Ransomware)
रैंसमवेयर एक प्रकार का मैलवेयर है जो किसी व्यक्ति या संगठन के डेटा को एन्क्रिप्ट कर देता है, और फिर उसे खोलने के लिए फिरौती की मांग करता है. एआई का उपयोग कर रैंसमवेयर हमलों को अधिक प्रभावी और टार्गेटेड बनाया जा सकता है, जिससे अपराधियों को अधिक लाभ प्राप्त होता है.
6. ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud)
एआई का उपयोग कर अपराधी फर्जी वेबसाइट और मोबाइल ऐप्स बना सकते हैं जो बिल्कुल असली वेबसाइट और ऐप्स की तरह दिखती हैं. इन फर्जी साइट्स का उपयोग कर लोग अपने लॉगिन क्रेडेंशियल्स, व्यक्तिगत जानकारी, और भुगतान डिटेल्स शेयर कर देते हैं, जिसे अपराधी बाद में उपयोग कर सकते हैं.
7. एआई जनरेटेड इन्वेस्टमेंट स्कैम (AI generated investment scam)
एआई का उपयोग कर अपराधी फर्जी निवेश योजनाएं बना सकते हैं जो असली योजनाओं की तरह दिखती हैं और लोगों को आकर्षित करती हैं. ये योजनाएं हाई रिटर्न का वादा करती हैं, लेकिन अंत में लोग अपना पैसा खो देते हैं. एआई तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ ही स्कैम और धोखाधड़ी के खतरे भी बढ़ रहे हैं. इसलिए, हमें सतर्क रहने और जागरूक होने की आवश्यकता है.
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Source : News Nation Bureau