डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (डीडीओएस) हमले विश्व स्तर पर तेजी से बढ़ रहे हैं, भारत इस साल जुलाई-सितंबर में एचटीटीपी डीडीओएस अटैक ट्रैफिक का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत था, चीन के बाद जिसने अमेरिका को तीसरी तिमाही में एचटीटीपी डीडीओएस अटैक ट्रैफिक के मुख्य स्रोत के रूप में बदल दिया. शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. चीन-रजिस्टर्ड आईपी पतों से हमले के यातायात में 29 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) और 19 प्रतिशत (तिमाही पर) की वृद्धि हुई.
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्च र सेवा प्रदाता क्लाउडफ्लेयर की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के बाद भारत 61 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एचटीटीपी डीडीओएस अटैक ट्रैफिक के दूसरे सबसे बड़े स्रोत के रूप में था. भारत के बाद, मुख्य स्रोत अमेरिका और ब्राजील थे.
कंपनी ने इंटरनेट पर कुछ सबसे बड़े हमले देखे, जिसमें तीसरी तिमाही में 2.5 टीबीपीएस डीडीओएस हमला भी शामिल है. हमला एक लोकप्रिय माइनक्राफ्ट सर्वर, विनक्राफ्ट के उद्देश्य से एक मिराई बॉटनेट संस्करण द्वारा किया गया था, जिसने हमले को नोटिस भी नहीं किया था.
क्लाउडफ्लेयर सीटीओ जॉन ग्राहम-कमिंग के अनुसार, रूसी-गठबंधन समूह यूक्रेन के बाहर के लक्ष्यों पर हमले बढ़ा रहे हैं.
उन्होंने एक बयान में कहा, हमने पिछले सप्ताह भी कई राज्य वेबसाइटों को लक्षित एक ही समूह के हमलों को देखा. एचटीटीपी डीडीओएस हमलों में 2021 की तीसरी तिमाही की तुलना में 111 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह सस्ता और लॉन्च करने के लिए अधिक सुलभ हो गया है, जो दुनिया भर में उनकी निरंतर वृद्धि और उपस्थिति में योगदान देता है.
गेमिंग/जुआ सबसे अधिक लक्षित उद्योग था, जिसमें तीसरी तिमाही में 381 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी गई.
तीसरी तिमाही में, क्लाउडफ्लेयर की टीम ने स्वचालित रूप से 1 टीबीपीएस से अधिक के कई हमलों का पता लगाया और उन्हें कम किया.
इसने ग्राहकों को लक्षित करने वाले एप्लिकेशन-लेयर डीडीओएस हमलों में साल-दर-साल 114 प्रतिशत की वृद्धि देखी.
निष्कर्षों से पता चलता है, तीसरी तिमाही में रैंसम डीडीओएस हमलों में लगातार तीसरी तिमाही में वृद्धि देखी गई. सितंबर में हर चार उत्तरदाताओं में से लगभग एक ने फिरौती डीडीओएस हमले या धमकी प्राप्त करने की सूचना दी.
Source : IANS