इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) ने चार मोबाइल (गतिमान) संक्रमण परीक्षण और रिपोर्टिंग प्रयोगशालाओं की शुरूआत की है जिसे यहां की फैकल्टी ने अपने स्टार्ट-अप शनमुख इनोवेशंस के साथ मिलकर विकसित किया है. एक अधिकारी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. जैव-सुरक्षा स्तर 2 के अनुपालन के साथ निर्मित यह देश की पहली और एकमात्र मोबाइल डायग्नोस्टिक लैब है जो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के राज्य संचालित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा अनुमोदित है.
एक बयान में कहा गया, वैन पर सुसज्जित इस मोबाइल लैब की मदद से स्वास्थ्य कर्मियों के पास जाकर उसी जगह आरटी-पीसीआर का उपयोग करके उनके नमूनों का परीक्षण किया जाएगा और जांच के नतीजों को आईसीएमआर के पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा.
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एक अधिकारी ने कहा, तमाम उपकरणों और कर्मियों के साथ इन प्रयोगशालाओं में हर महीने 6,000-9,000 नमूनों को संसाधित करने की क्षमता है. आईआईएससी के निदेशक गोविंदन रंगराजन ने कहा, "परम्परागत प्रयोगशालाओं में जांच के नतीजों के लिए 2-10 दिन लिए जाते हैं, लेकिन मोबाइल लैब में 4-12 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट दे दिए जांएगे. इससे समय की बचत होगी और संक्रमित व्यक्ति पर खतरा भी कम बना रहेगा."
Source : IANS