अंतरिक्ष में भारत अपनी ताकत लगातार बढ़ा रहा है. मिशन शक्ति (Mission Shakti) के बाद भारत अब अंतरिक्ष से ही दुश्मन के रडार का पता लगाने में भी सक्षम हो जाएगा. कल EMISAT की लॉन्चिंग के साथ ही भारत को यह ताकत हासिल हो जाएगी. सोमवार यानि 1 अप्रैल को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) PSLV C-45 EMISAT के साथ 28 विदेशी सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा. ISRO के ट्वीटर हैंडल पर दी गई जानकारी के मुताबिक सैटेलाइट की लॉन्चिंग से जुड़े सारे काम श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र की निगरानी में हो रहा है. वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि मिशन शक्ति के बाद अंतरिक्ष में फैले मलबे से आने वाले दिनों में होने वाले लॉन्च को कुछ दिक्कतें हो सकती हैं.
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इसरो के मुताबिक PSLV C-45 को 1 अप्रैल की सुबह 9:30 पर लांच किया जाएगा। PSLV C-45 के साथ इलेक्ट्रॉनिक इंजेलिजेंस सेटेलाइट (EMISAT) जिसका वजन 436 किलोग्राम है. EMISAT मिनी सैटेलाइट बस पर आधारित है. इसरो का कहना है कि यह सैटेलाइट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम को मापने के लिए बना है. बता दें कि निचली कक्षा में स्थित यह सेटेलाइट दुश्मन के इलाके में अंदर तक स्थित राडर स्टेशनों की निगरानी करेगा और उनकी लोकेशन भी बताएगा. अभी तक भारत इसके लिए विमानों का इस्तेमाल अर्ली वार्निंग प्लैटफॉर्म्स के रूप में करता था, लेकिन इस सैटेलाइट की मदद से अंतरिक्ष से ही दुश्मन के रडारों का पता लगाने में मदद मिलेगी.
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PSLV दुनियाभर में नामी और भरोसेमंद लॉन्चिंग व्हीकल है, इसे पिछले 20 वर्ष से भी ज्यादा समय से इस्तेमाल किया जा रहा है. PSLV के जरिए चंद्रयान-1, मंगल मिशन, स्पेस कैप्सूल रिकवरी एक्सपरिमेंट, आईआरएनएसएस जैसे अनेकों मिशन के लिए उपग्रहों को लांच किया जा चुका है. इसके अलावा PSLV 19 देशों के 40 से अधिक उपग्रहों को लांच कर चुका है. गौरतलब है कि 2008 में PSLV ने एक लॉन्चिंग के तहत 10 सेटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने का रिकार्ड कायम किया था. श्रीहरिकोटा से PSLV C-45 71वां लॉन्च व्हीकल मिशन होगा. यह 320 टन वजनी, 44 मीटर ऊंची PSLV की 47वीं उड़ान होगी.
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Source : News Nation Bureau