भारतीय बीमा कंपनियां अपने बाकी देशों के मुकाबले डिजिटल प्रौद्योगिकी में निवेश करने के मामले में काफी पीछे चल रही हैं। भारत को ऐसी प्रौद्योगिकी अपनाने की जरूरत है, जिससे ग्राहकों की मांग पूरा करने वाले उत्पाद उतारे जा सके।
उद्योग चैंबर सीआईआई के जारी किए गए एक अध्ययन में रविवार को यह जानकारी सामने आई है। सीआईआई-प्राइसवॉटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) की रपट में कहा गया है, 'डिजिटल प्रौद्योगिकी में औसत वैश्विक निवेश पिछले सालों में बढ़ा है, जबकि देश का बीमा उद्योग पीछे छूट रहा है, चाहे वह डिजिटीकरण का स्तर हो या डिजिटल निवेश पर वित्तीय लाभ देना हो। दोनों ही मोर्चो पर वह पीछे है।'
'भारतीय बीमा उद्योग के लिए विकासशील विचार' शीर्षक की इस रपट में यह भी कहा गया है कि स्मार्टफोन और इंटरनेट एक्सेस की पैठ बढ़ने से बीमा कंपनियों को नई प्रौद्योगिकी को अपना कर आधुनिक ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करना चाहिए।
कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने यहां एक बयान में कहा, 'बीमाकर्ताओं को नई पीढ़ी के ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुकूल होना चाहिए तथा निवेश के बदलते माहौल में डेटा के विस्फोट और डिजिटल पदचिन्हों का लाभ उठाना चाहिए।'
बयान में कहा गया है, 'डिजिटल इंडिया के बैनर तले मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते उपयोग ने ग्राहकों की नई पीढ़ी को पैदा किया है, जो अपने वित्तीय निर्णयों के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में सहज हैं।'
बयान में आगे कहा गया है, 'इसलिए ऐसी रणनीति को अपनाने की जरूरत है, जो बीमा कंपनियों को बाजार में अपनी पैठ बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।'
HIGHLIGHTS
- भारतीय बीमा कंपनियां डिजिटीकरण में सबसे पीछे
- सीआईआई की रिपोर्ट में खुलासा
Source : IANS