भारतीय नौसेना देश के मौजूदा पारंपरिक पनडुब्बी बेड़े को आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रही है. इसी के तहत नौसेना ने 60,000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी करके अत्यधिक उन्नत पनडुब्बियां बनाने का परीक्षण शुरू कर दिया है. इस टेंडर के तहत एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक से लैस छह स्टील्थ पनडुब्बियां तैयार की जाएगी, जो लंबे समय तक अंडरवाटर ऑपरेशन करने में सक्षम होगी. मिली जानकारी के मुताबिक, मार्च के आखिरी सप्ताह में जर्मनी के कील में जर्मन पनडुब्बी के एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम का परीक्षण किया गया था.
रक्षा विभाक के अधिकारी ने मीडिया को बताया कि, जर्मनी ने रक्षा मंत्रालय के स्वामित्व वाले MDL के साथ समझौता किया है. भारत के लिए स्टील्थ पनडुब्बियां तैयार करने के लिए जर्मनी और स्पेन के सहयोग से काम हो रहा है.
भारतीय नौसेना ने शुरू किया परीक्षण
बता दें कि, परीक्षणों की अगली श्रृंखला जून में स्पेनिश नौसेना में आयोजित की जाएगी. इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए स्पेनिश नवंतिया और भारत की लार्सन एंड टुब्रो भागीदार हैं. वहीं भारतीय नौसेना ने भी लार्सन एंड टुब्रो और मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड सहित प्रतिस्पर्धी टीमों का परीक्षण शुरू कर दिया है.
मेक इन इंडिया के तहत तैयार हो पनडुब्बियों
गौरतलब है कि, भारत इन पनडुब्बियों को मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत बनाने का इरादा रखता है और रक्षा परियोजना की बदौलत भारतीय कंपनियों को 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार मिलने की उम्मीद है.
Source : News Nation Bureau